गाजियाबाद के 35 स्कूलों पर लटकी बेसिक शिक्षा विभाग की तलवार, 25 के बाद होगी निलंबन की कार्रवाई

गाजियाबाद। राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत छात्र-छात्राओं को दाखिला न देने वाले पब्लिक स्कूलों पर जिला बेसिक शिक्षा विभाग जल्द शिकंजा कस सकता है। संबंधित स्कूल प्रबंधन को 25 अगस्त तक का अलटीमेटम दिया गया है। यदि इस अवधि में वह सूचीबद्ध बच्चों का एडमिशन नहीं करते हैं तो उनकी मान्यता निरस्त कराने के लिए डीएम को रिपोर्ट प्रेषित कर दी जाएगी। डीएम के माध्यम से यह रिपोर्ट शासन को अग्रसरित की जाएगी। यानी पब्लिक स्कूलों की मुश्किलें बढऩा तय हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विनोद मिश्रा ने जनपद में तैनाती मिलने के बाद से शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए प्रयास प्रारंभ कर दिए थे।

बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन विद्यालयों की व्यवस्थाएं सुधारने की दिशा में वे निरंतर काम कर रहे हैं। लापरवाह शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को सबक सिखाने के लिए वे समय-समय पर विद्यालयों का निरीक्षण करते रहते हैं। निरीक्षण में अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था सुधारने के साथ-साथ जरूरी सुविधाओं पर ध्यान दिया गया है। इसी क्रम में बीएसए विनोद मिश्रा अब पब्लिक स्कूलों की मनमानी रोकने की मुहिम में जुट गए हैं। दरअसल जनपद के 35 पब्लिक स्कूलों ने राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत गरीब परिवारों के बच्चों को निशुल्क दाखिला नहीं दिया है। सैकड़ों अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला कराने की आस लगाए बैठे हैं। हालांकि जिला प्रशासन स्तर से इन विद्यालयों को 3 बार नोटिस जारी हो चुका है।

कुछ दिन पहले सीडीओ ने बीएसए को इस मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके चलते बीएसए ने सभी स्कूल प्रबंधन को 25 अगस्त तक का अलटीमेटम दिया है। अगर तय अवधि में इन स्कूलों में बच्चों को दाखिला नहीं दिया जाता तो उनकी मान्यता रद्द करने के लिए डीएम को रिपोर्ट भेजकर संस्तृति कर दी जाएगी। डीएम द्वारा यह रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। शासन स्तर से मान्यता निरस्त करने पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। आरोप है कि कई स्कूल आवेदन पत्रों में बेवजह खामियां निकाल कर अभिभावकों को परेशान कर रहे हैं। ऐसे में अभिभावकों को स्कूलों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। उधर, बीएसए विनोद मिश्रा का साफ कहना है कि पब्लिक स्कूलों को शासनादेश का हर हालत में पालन करना होगा। अन्यथा उन्हें मान्यता से हाथ धोना पड़ेगा। सभी स्कूलों को 25 अगस्त तक का समय दे दिया गया है। निर्धारित अवधि के उपरांत आवश्यक कार्यवाही आरंभ कर दी जाएगी।

चिल्ड्रेन एकेडमी की मनमानी भी कम नहीं

चिल्ड्रेन एकेडमी प्रताप विहार में प्रबंधन की मनमानी भी सामने आ चुकी है। आरोप है कि कुछ अभिभावकों के आवेदन स्कूल प्रबंधन ने बेवजह खारिज कर दिए। इन अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन ने प्रशासन को फर्जी रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि संबंधित अभिभावक मूल पते पर नहीं रहते हैं। शिक्षा विभाग के कार्यालय से सत्यापन कराया गया तो पार्थी दिए गये कागजात पर उपस्थित पाया गया। उसके बाद जब स्कूल की ओर तीसरी बार स्थलीय निरीक्षण किया गया तब भी पार्थी उपस्थित पाया गया। मगर स्कूल प्रबंधन फिर भी गलत रिपोर्ट लगाकर गुमराह कर रहा है। कई और अभिभावक ऐसे हैं, जो चिल्ड्रन एकेडमी प्रबंधन की मनमानी से तंग आकर निराश होकर घर बैठ चुके हैं। इस संस्थान पर प्रशासन की भी अब टेड़ी नजर है। पूर्व में भी चिल्ड्रन एकेडमी विभिन्न कारणों से विवादों में आ चुका है। फीस वृद्धि के विरोध में कई बार अभिभावकों ने प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन किया था। इसके बावजूद प्रबंधन की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा।