दीवाली से पहले शराब माफिया को आबकारी विभाग की टीम ने दिया 20 लाख का झटका

-प्रेशर वाल्व के नाम पर काट रखी थी फर्जी बिल्टी, लकड़ी के कंटेनर में छिपा रखी थी चंडीगढ़ की शराब
-सख्ती के बाद शराब माफिया बदल रहे तस्करी का तरीका, पश्चिम बंगाल के नाम पर शराब पहुंचनी थी बिहार

गाजियाबाद। दिवाली पर जैसे-जैसे शराब तस्करी पर सख्ती कडाई हो रही है, माफिया नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। ट्रेन और वाहनों से शराब की खेप ले जाने की बात अब पुरानी हो गई है। होम डिलीवरी करने वालों पर भी आबकारी विभाग और पुलिस की नजर है। ऐसे में तस्कर नया तरीका अपना रहे हैं। लगातार की जा रही कार्रवाई के बाद शराब तस्करों ने अपना रूट और तरीका बदल दिया है। अब शराब माफिया ने पश्चिम बंगाल के नाम पर बिहार में शराब सप्लाई करने में जुट गए है। क्योंकि शराब बिहार में पहुंचने के बाद उसके दाम कई गुना बढ़ जाते है। कडाई के बाद भी शराब के शौकीनों की बढ़ती डिमांड और इसमें अच्छी आय के कारण माफिया शराब मोह भंग नहीं कर पा रहे हैं। जिले में आबकारी विभाग की टीम ने दिवाली से पहले ही अपना कार्रवाई का धमाका फोड़ते हुए शराब माफिया के अरमानों पर पानी फेर दिया। आबकारी विभाग की टीम ने कैंटर में छिपाकर चंडीगढ से पश्चिम बंगाल के नाम पर बिहार जा रही शराब से भरी पेटियों को बरामद किया है। मगर आबकारी विभाग की टीम को देख चालक ने गाड़ी को साइड में रोक कर फरार हो गया। गाड़ी के कागजों की जांच करने में पता चला कि वह प्रेशर वाल्व की फर्जी बिल्टी लगाकर चंड़ीगढ़ की शराब पश्चिम बंगाल के नाम पर बिहार में सप्लाई होनी थी।

शराब माफिया ने पुलिस को चकमा देने के लिए इस बार बिहार नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल के नाम पर फर्जी बिल्टी काटी हुई थी। मगर आबकारी विभाग की कार्रवाई के चलते शराब माफिया की यह तरकीब भी काम नहीं आई। शराब तस्करी के धंधे में शामिल लोगों के लगातार पकड़े जाने के बाद भी शराब की तस्करी जारी है। शराब पर पूरी तरह रोक के लिए आबकारी विभाग की पैनी नजर है। इसके लिए जिले में लगातार छापेमारी चल रही है। बावजूद तस्करी रुक नहीं रही है। शराब तस्करों का लंबा नेटवर्क है। शहर से लेकर गांव तक इनका जाल फैला है। तस्करी के लिए इनमे अलग-अलग लेयर बने है। जिसके माध्यम से एक से दूसरे जगह तक शराब की खेप पहुंचाई जाती है। शराब तस्करों के इस चक्रव्यूह को तोडऩे के लिए ही आबकारी अधिकारी ने दिवाली से एक माह पहले ही अपने आबकारी निरीक्षकों के साथ एक्शन प्लान तैयार कर लिया था। जिस कारण शराब माफिया अभी तक अपने इरादों में कामयाब नहीं हो पा रहे है। गाजियाबाद में आबकारी विभाग की टीमों के अलावा उनके मुखबिर तंत्र को बेजोड़ नेटवर्क शराब माफिया के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त करता नजर आ रहा है। उत्तर प्रदेश शासन एवं आबकारी आयुक्त उत्तर प्रदेश के आदेश के क्रम में आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब की बिक्री एवं परिवहन पर पूर्णत: अंकुश लगाये जाने के लिए जनपद में प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है।

जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि रविवार सुबह मुखबिर से सूचना मिली कि कैंटर में शराब से भरी पेटी चंड़ीगढ़ से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे दुहाई टोल प्लाजा के रास्ते जाने वाली है। सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आबकारी निरीक्षक अखिलेश बिहारी वर्मा, राकेश त्रिपाठी, अनुज वर्मा, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य, अभय दीप सिंह, मनोज शर्मा, मेरठ प्रवर्तन आबकारी निरीक्षक राजेश यादव की टीम गठित की गई। टीम द्वारा मुरादनगर पुलिस के साथ ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे दुहाई टोल प्लाजा पर मेरठ की तरफ जाने वाले वाहनों की चेकिंग शुरु कर दी गई। तभी चेकिंग के दौरान एक कैंटर को रुकने का इशारा किया गया। टीम को देख चालक गाड़ी रोक कर भागने लगा। शक होने पर जब गाड़ी की तलाशी ली गई तो कैंटर के अंदर लकड़ी के कंटेनरों में छिपाकर रखी मैकडॉवेल नंबर-1 अंग्रेजी शराब की 245 पेटियां (96 बोतल की पेटियां प्रत्येक 750 एम.एल. धारिता, 100 अद्धे की पेटियां प्रत्येक 375 एम.एल. धारिता, 49 पौव्वे की पेटियां प्रत्येक 180 एम.एल. धारिता) (कुल 2187.36 बल्क लीटर) चंडीगढ़ मार्का शराब बरामद किया गया।

उन्होंने बताया पकड़े गए वाहन के डैशबोर्ड से वाहन की आर.सी, इंश्योरेंस एंव ई.वे. बिल बरामद किया गया। वाहन से बरामद ई.वे. बिल फर्जी पाया गया। वाहन की आर.सी. के आधार पर वाहन स्वामी आर.ओ.आर. बिजनेस स्ल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, पता-प्लांट नम्बर-127, अपोजिट-उत्सव गार्डेन, शीतला माता मन्दिर रोड, कटारिया चौक, गुडगांव, हरियाणा, पिन-122001, वाहन चालक एंव उक्त ब्रांड की निर्माता इकाई यूनाइटेड स्प्रिट लिमिटेड, ऐट चंडीगढ़ डिस्टलरी एंड बॉटलर्स लिमिटेड, बनौर, डिस्ट्रिक्ट- एस.ए.एस.नगर, मोहाली, पंजाब के खिलाफ थाना मुरादनगर आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज दर्ज कराया गया। वहीं आबकारी निरीक्षक मनोज शर्मा की टीम द्वारा रविवार सुबह प्लांटरोड, बिहारीपुरा में शराब ठेके के पास तस्करी कर रहे भूरे सिंह पुत्र विजयपाल सिंह निवासी-सोनपुर कला गजरौला जनपद-अमरोहा एवं महेंद्र सिंह पुत्र बलबीर सिंह निवासी अफजलपुर जिला-अमरोहा को गिरफ्तार किया गया। जिसके कब्जे से 60 पौवा मिस इंडिया ब्रांड की देसी मदिरा बरामद किया गया।

प्रेशर वाल्व के नाम पर बना रखी थी फर्जी बिल्टी
शराब माफिया ने शराब तस्करी के लिए फर्जी बिल्टी तैयार की हुई थी। जिससे अगर कोई रोके तो बिल्टी दिखाने के बाद आसानी से बच निकल सकें। प्रेशर वाल्व के नाम पर फर्जी बिल्टी तैयार कर कैंटर के अंदर लकड़ी के कंटेनर के अंदर चंड़ीगढ़ मार्का की शराब से भरी सैकड़ों पेटियों को छिपाया हुआ था। बिल्टी में दर्शाया गया कि दिल्ली से साल्ट लेकर माल पश्चिम बंगाल जा रहा था। शराब माफिया ने पश्चिम बंगाल के नाम पर बिहार में शराब सप्लाई करने की योजना बनाई हुई थी। बिहार में शराब पहुंचने के बाद इसकी कीमत चार गुना बढ़ा जाती है। बरामद शराब की पेटी जिनकी कीमत करीब 20 लाख रुपए है, अगर यही शराब बिहार पहुंच जाए तो इसकी कीमत करीब 70 से 80 लाख रुपए हो जाती है। बिहार में शराब बंद होने का सबसे बड़ा फायदा शराब माफिया को हो रहा है।