गाजियाबाद में भूमाफिया सपा नेता की कॉलोनी में गरजा प्रशासन का बुलडोजर

32 वर्ष पूर्व 60 बीघे के तालाब पर कब्जा कर काट दी थी उस्मानगढ़ी कॉलोनी, 2 करोड़ की जमीन कब्जामुक्त

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार 2.0 के गठन के बाद से लगातार अवैध निर्माणों पर बुलडोजर की कार्रवाई जारी है। वहीं जनपद में भी जिला प्रशासन ने सरकारी जमीनों पर हो रहे अवैध कब्जों को ध्वस्त करने के साथ ही उन्हें कब्जा मुक्त कराने का अभियान छेड़ दिया है। इसी कड़ी में सदर तहसील क्षेत्र के गांव डासना देहात उस्मानगढ़ी में करीब तीस दशक से सपा नेता ने अधिकारी एवं कर्मचारियों की सह पर तालाब पर कब्जाकर उक्त जमीन पर कॉलोनी काट हुई थी। जिला प्रशासन ने पुलिस की मदद से तीन घरों पर बुलडोजर चलाकर जमीन को कब्जामुक्त कराया। कॉलोनी में पानी ककी टंकी और कॉलोनी के मुख्य गेट पर उस्मानगढ़ी लिखा हुआ था। जहां करीब 400 घरों में करीब ढाई हजार लोग रहते है और सभी मेहनत-मजदूरी करते है। सपा नेता ने शुरूआती दौर में उस्मान कॉलोनी को बसाने के लिए पहले किश्तों में रूपए लेकर जमीन को बेचा, फिर धीरे-धीरे पूरे 60 बीघा के तालाब पर कब्जाकर उस्मानगढ़ी बना दिया। वर्ष 2018 में सदर तहसील के तत्कालीन तहसीलदार ने उक्त कॉलोनी पर बेदखली का ऑर्डर किया था, मगर किन्ही कारणों के चलते ऑर्डर का इम्प्लीमेंट नहीं हो सका। गुरुवार को एसडीएम सदर विनय कुमार सिंह, एसपी देहात डॉ ईरज राजा, सीओ सदर आकाश पटेल, अधिशासी अधिकारी डासना मनोज मिश्रा, तहसीलदार सदर विजय प्रकाश मिश्रा एवं नायब तहसीलदार सीलिंग, पुलिस फोर्स के साथ उस्मानगढ़ी पहुंचे। जहां उस्मान व उसके दो भाइयों के मकानों को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया। एसडीएम सदर विनय कुमार सिंह ने बताया कि कार्रवाई के दौरान दो औैर मकानों को गिराया जाना था, लेकिन उसमें रहने वाले लोगों ने हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर लिया हुआ था।

उक्त जमीन तालाब की थी, जिस पर सपा नेता ने अवैध रूप से कब्जा कर कॉलोनी काट दी थी। जगह को खाली कराने के लिए प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि ग्राम डासना में खसरा संख्या 3485ए, 3496ए एवं 3495 जोहड़ सरकारी सम्पत्ति कीमत करीब 2 करोड़ की जमीन को कब्जामुक्त कराया गया। उक्त सरकारी सम्पत्ति पर उस्मान, इखलाक पुत्र अब्दुल रशीद, मृतक अब्बास पुत्र अब्दुल रशीद के द्वारा अवैध कब्जा किया हुआ था। जिस पर तहसीलदार सदर के द्वारा 122 बी के अंतर्गत बेदखली की कार्यवाही करने के बाद दो बार नोटिस दिया गया, मगर उसके बाद भी अवैध कब्जा नहीं हटाया गया। जिसके बाद पुलिस की मदद से जमीन को कब्जामुक्त कराया गया।

वहीं उस्मानगढ़ी के निवासियों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि अवैध मकानों को गिराने के लिए नोटिस चस्पा करने की तारीख 6 मई मुकर्रर की थी। लेकिन बुधवार को नोटिस चस्पा करने के बाद अगले दिन गुरूवार को मकान को गिराने की कार्रवाई की जा रही है। जो कि गलत है। प्रशासन ने मकानों को खाली करने या नोटिस का जवाद देने का भी समय नही दिया। प्रशासन के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। उनका कहना था कि जब मकान अवैध थे तो उनकी रजिस्ट्री क्यों की गई और क्यों बनने दिया गया। पूरी जमा पूंजी लगने के बाद आज बेघर किया जा रहा है। मकान को तोडऩे से पहले तत्कालीन अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए। जिसकी सह पर यह निर्माण कराया गया। बता दें कि उस्मान चौधरी ने पिछले नगर पालिका चुनाव में सपा से पार्षद का चुनाव लड़ा था। उसके खिलाफ धोखाधड़ी, जमीन कब्जाना, मारपीट और डकैती के 4 मुकदमें मसूरी थाने में दर्ज है। जो कि पूर्व में जेल भी जा चुका है। पुलिस-प्रशासन ने पिछले दिनों ही उस्मान को भूमाफिया घोषित करने की कार्रवाई शुरू कर दी थी। जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए आगे भी कार्रवाई की जाएगी।