प्लानिंग में बदलाव, जेवर एयरपोर्ट के पास आवासीय नहीं बसेंगे औद्योगिक सेक्टर

ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) के आस-पास भविष्य में ध्वनि प्रदूषण को ध्यान में रखकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जेवर एयरपोर्ट के 5 से 8 किलोमीटर के दायरे में आशियाना नहीं बसाया जा सकेगा। निर्धारित एरिया में आवासीय सेक्टर विकसित करने की भी कोई योजना नहीं लाई जाएगी। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के 2041 के प्रस्तावित मास्टर प्लान में जेवर एयरपोर्ट के पास आवासीय सेक्टर की स्कीम प्रस्तावित की गई थी, मगर अब यह फैसला बदला जाएगा।

भविष्य में औद्योगिक सेक्टरों को एयरपोर्ट के सबसे नजदीक रखा जाएगा। यमुना प्राधिकरण 2041 का मास्टर प्लान सलाहकार कंपनी मार्स से बनवा रहा है। नये मास्टर प्लान में गौतम बुद्ध नगर और बुलंदशहर जिले के 171 गांव शामिल किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 2041 तक यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में करीब 42 लाख लोग रहने लगेंगे। इस आबादी के लिए 8 लाख घरों की जरूरत पड़ेगी। नये मास्टर प्लान में तीन आवासीय सेक्टर एयरपोर्ट के नजदीक प्रस्तावित किए गए हैं।

जेवर एयरपोर्ट में नई-नई सुविधाएं विकसित करने के लिए हाल ही में यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने स्विटजरलैंड का दौरा किया था। वहां इस बात की भी जानकारी मिली कि एयरपोर्ट के पास की आवासीय कॉलोनियों के लोग ध्वनि प्रदूषण को लेकर परेशान हैं। वह विरोध भी करते हैं। ऐसा कई अन्य शहरों में भी है। इसके बाद यमुना प्राधिकरण ने अपने मास्टर प्लान में बदलाव करने का फैसला लिया है। नये मास्टर प्लान में एयरपोर्ट के नजदीक आवासीय सेक्टर प्रस्तावित किए गए। इसके बाद मिश्रित भू उपयोग, संस्थागत और औद्योगिक सेक्टर प्रस्तावित किए गए।

अधिकारियों का कहना है कि जेवर एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है। यहां पर सबसे अधिक विमान उतरेंगे और उड़ान भरेंगे। यहां भी ध्वनि प्रदूषण की दिक्कत आएगी। इसको देखते हुए बन रहे मास्टर प्लान में आवासीय सेक्टरों को एयरपोर्ट से दूर ले जाया जाएगा। एयरपोर्ट के नजदीक औद्योगिक सेक्टर रखे जाएंगे। मास्टर प्लान बना रही कंपनी से ये बदलाव करने के लिए कहा गया है। यमुना प्राधिकरण के इस फैसले से यहां रहने वाले लोगों को ध्वनि प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी। विमान उतरते और उड़ान भरते समय शोर से पैदा होता है, जो लोगों की परेशानी बढ़ाता है। जब यहां लोग रहने लगेंगे, तब उन्हें इस बात की जानकारी होती। लेकिन यमुन प्राधिकरण ने इस परेशानी को पहले ही समझ लिया और इस पर अमल कर दिया है।

जेवर एयरपोर्ट के आस-पास भविष्य में ध्वनि प्रदूषण की अधिकता को ध्यान में रखकर आवासीय सेक्टर विकसित नहीं करने का निर्णय लिया गया है। 2041 के मास्टर प्लान में जेवर एयरपोर्ट के पास औद्योगिक सेक्टर को प्राथमिकता दी जाएगी।
डॉ. अरुणवीर सिंह
सीईओ, यमुना प्राधिकरण