ऑनलाइन गेम के नाम पर करोड़ो की ठगी, सात गिरफ्तार

ऑॅनलाइन गेम के नाम पर करोड़ो की ठगी करने वाले 7 ठगों को साइबर सैल ने दबोचा, दुबर्ई से गिरोह का लीडर बजिन्द्र टीम को करता था ऑपरेट, लिंक भेज कर पैसा कमाने का देता था लालच,70 से अधिक खातों में 100 करोड़ की ट्रॉजेक्शन, 50 लाख से अधिक रूपए को साइबर सैल ने किया फ्रीज

गाजियाबाद। ऑनलाइन गेम एप डाउनलोड कराकर व पार्ट टाईम जॉब दिलाने के नाम पर हजारों लोगों से 70 करोड़ से अधिक की ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह के सात शातिर ठगों को साइबर सैल की टीम ने गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से 7 मोबाइल, 22 एटीएम कार्ड, पासबुक, 4 चैक, आई-20 कार, 9 चैक बुक, वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, सिम कार्ड, 220 विजिटिंग कार्ड बरामद किया गया। गिरोह का मास्टर माइंड फरार है। जो कि दुबई से पकड़े गये गिरोह के लोगों को ऑपरेट करता था। यह गिरोह आनलाइन गेमिंग के जरिए ठगी करता था। लूडो, तीन पत्ती, रमी, फुटबाल व क्रिकेट समेत सभी गेम खिलाने के एवज में ठगी करता था। शुरुआत में 10-15 हजार रुपये जीतने पर वालेट से यह रकम निकालने के बाद लोग अधिक रकम लगा देते थे। इसके बाद विदड्राल का विकल्प ब्लाक कर दिया जाता। गिरोह ने फर्जी पतों पर जीएसटी नंबर लेकर चालू खाते खुलवाए थे। इन्हीं में रकम ट्रांसफर कर लेते।

मंगलवार को अपने कार्यालय में एसपी सिटी प्रथम निपुण अग्रवाल ने घटना का खुलासा करते हुए सीओ साइबर सैल प्रभारी अभय कुमार मिश्रा की मौजूदगी में बताया कि इस्पेंक्टर प्रतिभा सिंह, साइबर सैल प्रभारी सुमित कुमार की टीम ने देर रात मुखबिर की सूचना पर लालकुंआ कट के पास से गोरिंदर पुत्र शेर सिंह निवासी सांई कॉलानी पानीपत, सुमित कुमार पुत्र रमेश चन्द्र निवासी बापोली डाढोला चॉदनी बाग पानीपत, निखिल उर्फ मोनू प्रकाश पुत्र ओम प्रकाश, साहिल पुत्र सतीश निवासी दौलतपुर रोड हिसार हरियाणा, सुभाष पुत्र स्व: रतन सिंंह निवासी बहरामपुर पानीपत, प्रदीप मान पुत्र राममेहर निवासी शांती कॉलोनी पानीपत, हरविन्दर सिंंह पुत्र दिलवर सिंंह निवासी अम्बाला नियर गुरूद्वारा को गिरफ्तार किया गया।

साइबर सैल प्रभारी अभय कुमार मिश्रा ने बताया गोरिंदर हाल ही में दुबई से वापस आया है जो कि मल्टी टास्क फेसिलिटी मैनेजमेंट कम्पनी में चपरासी का कार्य करता था। वहीं इसकी मुलाकात गिरोह का सरगना बजिन्द्र से हुई। बजिन्द्र ने ही इसे भारत भेजा, ताकि भारता से ज्यादा से ज्यादा बैंक खाता प्राप्त हो सके। आरोपित ने 10 फर्जी खाता खुलवाकर बजिन्द्र को भेेजा था। सुमित बी-टैक (कैमिकल) पास है। जो कि गिरोह के सरगना बजिन्द्र का सगा भाई है। स्वंय का वीरजी ग्लोबल इंडिया के नाम से एक करेंट खाता खुलवाकर अपने भाई को ठगी करने के लिए दिया था। निखिल उर्फ मोनू प्रकाश बी-टैक (ई0सी0) पास है। जिसकी मुलाकात गांव के रहने वाले मामा सुभाष के द्वारा हुई थी। जिसने 7 फर्जी खाता खुलवाकर सुभाष को दिये थे। सुभाष ने आगे बजिन्द्र को दिये थे। साहिल जो कि निखिल का पडौसी है। दोनों की दोस्ती पांच साल से है। निखिल वर्तमान में ठेकेदार है। जो कि निखिल के कहने पर पैसा कमाने के लिए बजिन्द्र को करेंट खाता खुलवाकर भेजता था, अब तक 5 खाता उपलब्ध करा चुका है।

सुभाष बीए-एलएलबी पास है। बजिन्द्र का पडोसी है। भारत में करेंट खाता खुलवाने वाले लोगों से उनका एटीएम कार्ड, चैक बुक, पासबुक अपने पास रखता था। ताकि कोई खाता धारक पैसा न निकाल सकें। एलएलबी पास होने के कारण आस-पास की पुलिस में शिकायत होने पर पैरवी करता था। प्रदीप मान ने खुद के नाम पर लक्ष्मी ट्रैडिंग फर्म दिखाकर फर्जी पते पर अपना खाता खुलवाया था। जिसके बदल में 4 लाख रूपए शुरू में औैर प्रतिदिन 5 हजार रूपए लेता था। हरविन्दर सिंह यूरोप चेकगणराज्य में इलैक्ट्रोनिक्स पार्ट बनाने की कम्पनी में काम करता था। 6 माह पूर्व ही दुबई गया था और वहीं इसकी मुलाकात बजिन्द्र से हो गई थी। जिसने अभी तक 4 फर्जी खाते खुलवाकर बजिन्दे्र को दिए है।
साइबर सैल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि बजिन्द्र दुबई से लोगों को बल्क में मैसेज के द्वारा लिंक भेजकर पैसा कमाने का लालच देकर गेम एप डाउनलोड कराता था। बजिन्द्र दुबई से ही ऑनलाइन गेम एप का आईडी पासवर्ड पीडित को व्हाटसएप द्वारा भेजा जाता है। जब तक पुलिस खाते को बंद नही करती थी, तब तक यह लोग खाताधारक के साथ मिलकर रूपए आपस ममें बांट लेते थे। जांच में अभी तक 70 करेंट खाता प्रकाश में आए है। जिनमें 100 करोड़ रूपए से अधिक लेने-देन हुआ है। 50 लाख से अधिक रूपए फ्रीज कर दिया गया है। जिनमें से 10 बैंक खातों की नोएडा, अम्बाला, पानीपत केे पाए गये है।