उदय भूमि सवाददाता
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर डॉ. राजशरण शाही व राष्ट्रीय महासचिव याज्ञवल्क्य शुक्ल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए शुभकामनाएं दी। डा. राजशरण शाही को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर बधाई देने वालों का सिलसिला जारी है। देश के विभिन्न राजनैतिक, सामाजिक संगठनों द्वारा सोशल मीडिया पर बधाई दी जा रही है। संगठन से जुड़े पदाधिकारियों के अलावा डॉ. शाही के शुभ-चिंतकों ने भी बधाई दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. राजशरण शाही व याज्ञवल्क्य शुक्ल को अपने ट्विटर हेंडल से ट्वीट करते हुए कहा कि आप दोनों के कुशल नेतृत्व में संगठन राष्ट्र आराधना के नित नए सोपान गढ़े, यही कामना है। डा. राजशरण शाही को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किए जाने पर गोरखपुर के छात्र संगठनों ने मिठाई बांटकर अपनी खुशी का इजहार किया। डॉ. शाही छात्र जीवन से ही विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं और इन्हें हमेशा विद्यार्थी परिषद के समर्पित और निष्ठावान सदस्यों में गिना जाता है।
गौरतलब हो कि हाल ही में चुनाव अधिकारी डॉ एस. सुबैय्या ने मुंबई में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर डॉ. राजशरण शाही के राष्ट्रीय अध्यक्ष और याज्ञवल्क्य शुक्ल के राष्ट्रीय महासचिव निर्वाचित होने की जानकारी दी थी।
दोनों 25 नवंबर 2022 से 27 नवंबर 2022 तक राजस्थान के जयपुर में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में अगले एक वर्ष के लिए दायित्व संभालेंगे। उसके बाद दोनों अपनी टीम की घोषणा करेंगे। अभी राष्ट्रीय महामंत्री के पद पर निधि त्रिपाठी व अध्यक्ष के पद पर गुजरात के सीएन पटेल हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही लखनऊ के बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में सह आचार्य के पद पर कार्यरत हैं। वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय महासचिव याज्ञवल्क्य शुक्ल मूलत: झारखंड के गढ़वा जिले से ताल्लुक रखते हैं।
डॉ. राजशरण शाही मूलत: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के हैं। उनकी शिक्षा शिक्षा शास्त्र में पीएचडी तक हुई है। डॉ. राजशरण शाही ने अभी तक 5 पुस्तकों का लेखन व संपादन किया है। 103 से अधिक शोधपत्र एवं लेख राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं एवं संगोष्ठियों में रखे जा चुके हैं। शिक्षा से जुड़े विषयों पर दैनिक पत्रों में दर्जनों लेख प्रकाशित हुए है। वे भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान शिमला में असोसिएट रहे हैं। उन्हें 2017 में श्रेष्ठतम शिक्षक का योगीराज बाबा गंभीरनाथ स्वर्ण पदक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किया गया।
वह पूर्व में गोरखपुर स्थित दिग्विजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के शिक्षा विभाग में प्रोफेसर के पद पर तैनात रहे हैं। उत्तर प्रदेश की विभिन्न शैक्षिक एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन संबंधी महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य भी हैं। डॉ. राजशरण 1989 में विद्यार्थी जीवन से एबीवीपी के सामान्य कार्यकर्ता के रूप में संगठन से जुड़े। शिक्षक कार्यकर्ता के रूप में गोरखपुर महानगर अध्यक्ष से लेकर गोरक्ष प्रांत अध्यक्ष आदि दायित्वों का निर्वहन कर चुके है। वर्तमान में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। आगामी सत्र 2022-23 के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष के दायित्व पर निर्वाचित हुए हैं।
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