सुशासन सप्ताह के लिए जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन

-लोक शिकायतों के निराकरण में दर्शित हो गुणवत्तापूर्ण व समयबद्धत्ता: बीएस भुल्लर

गाजियाबाद। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस के रूप में आगामी 25 दिसंबर तक जिले में सुशासन सप्ताह-प्रशासन गांव की ओर अभियान चलाया जाएगा। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा गांधी सभागार में भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण नई दिल्ली के अध्यक्ष बीएस भुल्लर ने जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह,सीडीओ,एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास,एडीएम सिटी बिपिन कुमार,सीएमओ डॉ.भवतोष शंखधर,परियोजना निदेशक डीआरडीए पीएन दीक्षित,एसडीएम सदर विनय सिंह,अपर नगर मजिस्टे्रट निखिल चक्रवर्ती, शुभांगी अग्रवाल आदि अधिकारियों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया। कलेक्ट्रेट पहुंचने पर बीएस भुल्लर का जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह फूलों का गुलदस्ता भेंटकर उनका स्वागत किया।उन्होंने कहा कि जिले में 25 दिसंबर तक सुशासन सप्ताह मनाया जाएगा। बीएस भुल्लर ने बैठक के दौरान कहा कि लोक शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्धता के साथ निराकरण किया जाए।सभी पात्रों को जन कल्याणकारी योजनाओं से अवश्य लाभान्वित किया जाए।प्रदेश शासन के निर्देश पर ‘सुशासन सप्ताह- प्रशासन गांव की ओर’अभियान आयोजित किया जाना है।

इस कार्यक्रम के दौरान राजस्व एवं विकास कार्यों का अधिकारियों द्वारा गांवों में चौपाल लगाकर लोगों की समस्याओं को सुनकर उसका निस्तारण कराना सुनिश्चित कर रहे हैं। सुशासन से तात्पर्य एक ऐसे वातावरण से है जिसमें सभी नागरिक, चाहे वह किसी भी वर्ग, जाति या समुदाय से आते हो, चाहे वह किसी लिंग के ही क्यों न हो, सभी अपनी पूर्ण क्षमता का विकास कर सकें। विनियामक प्राधिकरण के अध्यक्ष बीएस भुल्लर ने कहा कि सुशासन हमारा संकल्प है और अधिक से अधिक पात्र हितग्राहियों तक सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाना हमारा कर्तव्य हैं।सुशासन सप्ताह मनाने का उद्देश्य प्रदेश में जनता की प्रत्येक समस्या का समाधान किया जाना है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए जनसेवा ही सुशासन है। जनशिकायतों की अधिकतम संख्या को निपटाने के लिए सरकार की यह पहल है।ऐसे में जिले के अधिकारी अधिक से अधिक संख्या में लोगों की शिकायतों एवं आवेदन पत्रों का निराकरण कराएं। उन्होंने कहा कि शासन वहीं अच्छा माना जाता है, जिसका प्रशासन अच्छा होता है और दोनों तब अच्छे होते हैं जब लोक कल्याण होता है। वर्ष 1990 के पश्चात शासन को समावेशी स्वरूप प्रदान करते हुए सुशासन की अवधारणा विकसित हुई।

सुशासन का सामान्य अर्थ है बेहतर तरीके से शासन। ऐसा शासन जिसमें गुणवत्ता हो और वह खुद में एक अच्छी मूल्य व्यवस्था को धारण करता हो। शासन प्रणाली तो सभी देशों में चल ही रही है, लेकिन वे अपनी प्रकृति में ठीक तरह से जनोन्मुखी या लोकतांत्रिक जीवन शैली से जुड़ी नहीं होती। इसी बिन्दु पर शासन से अलग होता है। सुशासन शासन से आगे की चीज है। इससे शासन के तरीके में और अधिक दक्षता का विकास होता है।इसके अलावा शासन की प्रक्रियाओं में संवेदनशील, दक्षता और मानवाधिकारों का पूरी तरह सम्मान भी सुशासन के तत्वों में गिना जाता है।जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कार्यशाला के दौरान कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की बहुत ऐसी समस्याऐं होती हैं जो कि हम लोगों तक पहुंच नही पाती हैं। इस तरह की समस्याओं का समाधान समय से न होने के कारण स्थानीय लोगों को लंबे समय तक समस्याओं का सामना करना पड़ता है और विकास अवरूद्व होता है। ग्रामीण क्षेत्रों की छोटी से छोटी समस्याओं का प्राथमिकता के तौर पर निस्तारण के लिए सुशासन सप्ताह मनाया जा रहा है। इसमें जनपद की तहसील व ब्लॉक स्तर के अधिकारी गांव-गांव पहुंचकर लोगों की समस्याओं का निस्तारण कर तथा शासन द्वारा विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का छूटे एवं पात्र लाभार्थियों को लाभान्वित कर रहे हैं।

सुशासन का अंतिम और असली उद्देश्य यह है कि शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ जनपद के सबसे दूरस्थ गांव में रहने वाले हर एक नागरिक तक पहुंचना चाहिए।ताकि अंतिम लाइन में खड़े व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हो सकें।सुशासन के माध्यम से वांछित परिणाम प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि ग्रामीण उत्थान की परिकल्पना जमीनी स्तर पर वास्तविक विकास का आकलन करने के लिए एक परिणाम-आधारित दृष्टिकोण पर बल देती है। उन्होंने अधिकारियों से आहवान करते हुए कहा कि सर्वे कर सभी पात्र लाभार्थियों को शासन की संचालित जन कल्याण कारी योजनाओं से लाभान्वित अवश्य किया जाए। सुशासन सप्ताह तभी सफल होगा जब पात्रों तक योजना का लाभ पहुंचेगा। लंबित आवेदनों का निस्तारण एवं शिकायतों का भी निस्तारण करना सुशासन की एक सतत प्रक्रिया हैं ।