डॉ पीएन अरोड़ा ने इको फ्रेंडली गणपति प्रतिमा का विसर्जन कर दिया पर्यावरण संरक्षण का सदेंश

गाजियाबाद। यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी में इको फ्रेंडली तरीके से गणपति विसर्जन किया गया। हॉस्पिटल के एमडी डॉ पीएन अरोड़ा ने विधि विद्यान से मिट्टी के बने हुए गणपति जी का इको फ्रेंडली तरीके से विसर्जन किया। हॉस्पिटल प्रांगण में लगी इस गणेश प्रतिमा की विशेषता यह रही कि है वह केवल मिट्टी से बनाई गई थी और इसमें रंगों का प्रयोग नहीं किया गया था। इसके साज-सज्जा प्राकृतिक फूलों से की गई थी और उसे एक ड्रम में पानी भरकर उसमें विसर्जित कर दिया गया। धीरे-धीरे वह मिट्टी पानी में गल गई। उस पानी को पार्क में डाल दिया जाएगा। इससे पर्यावरण को कोई भी नुकसान नहीं होगा। डॉ पीएन अरोड़ा ने कहा देशभर में गणेश चतुर्थी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दिन लोग अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करते हैं।

भगवान गणेश की इन प्रतिमाओं को तालाबों और नदियों में विसर्जन करते है। विसर्जन के बाद पूरी तरह नही घुलती। पीओपी से बनी प्रतिमाएं न सिर्फ जलीय जीव जंतुओं के लिए खतरा हैं बल्कि वातावरण भी दूषित करती हैं। 10 दिनों तक चलने वाले इस गणतति उत्सव के दौरान विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा की जाती है। सुंदरता और भव्यता की चाहत ने हमें मिट्टी की जगह प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी प्रतिमाओं की तरफ मोड दिया है। ऐसे में इस खतरे को बढऩे से रोकने के लिए, घर पर गणेश जी ऐसी मूर्ति की स्थापना कर पर्यावरण को होने वाले नुकसान को बचा सकते है। जब ऐसी मूर्ति का विसर्जन किया जाता है तो इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। इस दौरान देवबंद के विधायक एवं पीडब्लूडी राज्य मंत्री बृजेश सिंह, गौरव पांडे एवं स्टॉफ विशेष रूप से मौजूद थे।