आबकारी आयुक्त की सख्ती का असर एक माह में 621 तस्कर खा रहे जेल की हवा

उत्तर प्रदेश में अवैध शराब के कारोबार पर आबकारी विभाग का वज्र प्रहार
करोड़ों रुपए की शराब बरामद कर 103 वाहन किए सीज
अवैध शराब के कारोबार में अधिकारियों की मिली संलिप्तता तो होगी कार्रवाई: सेंथिल पांडियन सी

लखनऊ/गाजियाबाद। आम लोगों की जान से खेलने वाले शराब माफिया पर आबकारी विभाग कहर बनकर टूट रही है। आलम यह है कि उत्तर प्रदेश में नकली और अवैध शराब पर आबकारी विभाग की सख्ती का अब बड़ा असर देखने को मिल रहा है। पिछले करीब एक वर्ष में नकली और अवैध शराब के सेवन की प्रदेश में एक भी अप्रिय घटना नहीं घटी। जिला प्रशासन, पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों ने कोआर्डिनेशन के साथ नकली व अवैध शराब के खिलाफ लगातार मुहिम चलाई और इसमें लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें सलाखों के पीछे भेजा। जरूरत के आधार पर कई अन्य विभागों की मदद ली गई, जबकि जनभागीदारी के माध्यम से मिलीं सूचनाओं पर भी तत्काल प्रभाव से कार्यवाही सुनिश्चित की गई। उल्लेखनीय है कि आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन सी. ने प्रदेश में नकली शराब के उत्पादन और बिक्री समेत अवैध शराब पर शिकंजा कसने के निर्देश दिए थे, जिस पर आबकारी विभाग ने पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर नकेल कसी है। इसके फलस्वरूप विभाग ने एक माह में 55,460 ब.ली. अवैध शराब बरामद करते हुए 621 आरोपियों को जेल भेजा है।

आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन सी का कहना है कि आबकारी विभाग नकली शराब के उत्पादन पर पूरी तरह से नकेल कस चुका है और पिछले वित्तीय वर्ष में अवैध शराब के सेवन से एक भी अप्रिय घटना नहीं हुई है। यह जिला प्रशासन, पुलिस एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों के टीम वर्क के कारण ही संभव हो पाया है। आबकारी विभाग त्योहारों, चुनाव के दौरान तो विशेष प्रवर्तन अभियान चलाता है, मगर इन सबके अलावा भी आबकारी विभाग के अधिकारी दिन-रात सड़कों पर वाहनों की चेकिंग के साथ शराब तस्करों के ठिकानों पर दबिश एवं छापेमारी की कार्रवाई करते है। इसके अलावा बाहरी राज्यों से होने वाली शराब तस्करी पर रोक लगाने के लिए भी आबकारी विभाग की टीमें बेहतर प्रदर्शन कर रही है। जिसका परिणाम यह कि उत्तर प्रदेश के किसी भी जिले में कोई भी अप्रिय घटना घटित नहीं हुई है और अवैध शराब के कारोबार में लिप्त छोटे तस्कर से लेकर बड़े माफिया आज जेल की सलाखों के पीछे पड़े हुए है।

आबकारी विभाग शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ राजस्व वसूली में भी अग्रसर है। आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन सी ने अपने करीब ढाई साल के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में अपने पैर जमाए बैठे बड़े माफिया का सिंडिकेट तोड़ने के साथ राजस्व वसूली बढ़ाने में कामयाबी हासिल की है। अगर जिले में आबकारी विभाग की कार्रवाई की बात की जाए तो दिल्ली से गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर सटा होने के कारण बाहरी राज्यों में शराब तस्करी की सबसे ज्यादा संभावना रहती है। मगर अब पिछले करीब दो वर्षों में शराब माफिया के इस कारोबार को ध्वस्त किया गया और बाहरी राज्यों में होने वाली शराब तस्करी को रोकने के लिए सार्थक प्रयास किए गये।

दिसंबर माह में 621 तस्कर पहुंचे जेल

आबकारी विभाग ने दिसंबर माह में उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए अवैध शराब के कारोबार में लिप्त 2,411 मुकदमें दर्ज किए गए। साथ ही तस्करों से 55,460 बल्क लीटर अवैध शराब बरामद किया गया। पकड़ी गई शराब करोड़ों रुपए की है। साथ ही चेकिंग, छापेमारी एवं दबिश में करीब 621 तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। वहीं शराब तस्करी में प्रयुक्त 103 वाहन भी जब्त किए गए। पकड़े गए वाहनों में लग्जरी कार से लेकर दोपहिया वाहन शामिल है। आबकारी आयुक्त के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में आबकारी विभाग की टीमों ने शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सफलता हासिल की है। साथ ही इसी सफलता को बरकरार रखते हुए हर दिन अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है। आबकारी विभाग की कार्रवाई को देखकर शराब माफिया ने या तो प्रदेश को ही छोड़ दिया है या फिर अपने इस अवैध कारोबार को किसी अन्य प्रदेश में शुरु कर दिया है। गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर दिल्ली व हरियाणा से सटा होने के कारण ज्यादा संवेदनशील जनपद है। जिसके लिए आबकारी विभाग की टीमें भी यूपी बोर्डर, हाईवे, राष्ट्रीय मार्ग एवं राजमार्ग पर आबकारी विभाग की टीमें मुस्तैद रहती है।

शादी सीजन शुरु होते ही बढ़ी चौकसी

अवैध शराब के निर्माण, बिक्री एवं परिवहन पर रोक लगाने के लिए उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में आबकारी विभाग लगातार छापेमारी, चेकिंग एवं शराब तस्करों के संबंधित ठिकानों पर दबिश एवं छापेमारी की कार्रवाई जारी है। उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों में गैर प्रांतों से तस्करी के संभावित सभी मार्गों पर चौकसी बरतते हुए लगातार वाहनों को रोक कर चेक किया जा रहा है। प्राइवेट वाहन, बस व ट्रेन में सफर करने वालों पर की निगरानी के लिए पुलिस, जीआरपी एवं बस चालक व परिचालक की मदद से चेकिंग की जा रही है। इसके साथ ही ओवर रेटिंग रोकने के लिए आबकारी विभाग की टीम लगातार दुकानों की चेकिंग के साथ-साथ गुप्त टेस्ट परचेजिंग कर रही है। जिससे ओवर रेटिंग करने वाले विक्रेताओं पर शिकंजा कसा जा सकें। इसके अलावा प्रदेश में ऐसे रेस्टोरेंट, मैरिज हॉल, बैंक्वेट हॉल जिनके द्वारा बिना ओकेजनल बार लाइसेंस प्राप्त किए शराब परोसे जाने की शिकायत अथवा प्रकरण संज्ञान में आने पर रेस्टोरेंट, रेस्टोरेंट के मालिक के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। साथ फार्म हाउस, बैंक्वेट हॉल, होटल में होने वाली शादी व पार्टी बिना लाइसेंस के शराब पार्टी को रोकने के लिए अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। गौरतलब हो कि गाजियाबाद में अभी दो दिन पूर्व आबकारी विभाग की टीम रात भर अभियान चलाकर रेस्टोरेंट मालिक, उसके सहयोगी समेत पांच तस्करों को जेल भेजा था। आबकारी विभाग की टीमें दिन में तो नियमित चेकिंग करती है साथ ही रात में भी अभियान चलाकर ऐसे होटल, रेस्टोरेंट पर छापेमारी की जाती है। जो बिना लाइसेंस के शराब पार्टी कर रहे है।

ठोस रणनीति तैयार कर अवैध शराब के नेटवर्क को करें ध्वस्त
अवैध शराब के निर्माण, बिक्री व तस्करी पर रोक लगाने के लिए टोल फ्री नम्बर 14405 और व्हाट्सएप नंबर 9454466019 भी जारी किया है। शिकायतकर्ताओं को उसे याद रखने शिकायत दर्ज कराने में आसानी होगी।
दोनों टोल नंबर निरंतर सक्रिय रहेंगे, शिकायत दर्ज कराने के लिए जारी वाट्सएप नंबर 9454466019 भी काम करता रहेगा। टोल फ्री नंबर को सभी देशी, विदेशी शराब, बीयर की दुकानों व माडल शॉप पर अंकित कराया गया है। जिससे दुकानों पर होने वाली अनियमितता की शिकायत के साथ अन्य स्थानों पर अवैध शराब के संबंध में शिकायत पर तत्काल की जा सकें।

सेंथिल पांडियन सी
उत्तर प्रदेश आबकारी आयुक्त।

आबकारी दुकानों पर ओवर रेटिंग, शराब की गुणवत्ता से छेड़छाड़, अनुज्ञापियों-विक्रेताओं व निरीक्षण करने वाले अधिकारियों की गतिविधियों पर नियंत्रण रखने व शराब के उत्पादन से लेकर उपभोक्ताओं तक गुणवत्तापूर्ण शराब पहुंचाने के लिए विभाग फुटकर दुकानों पर सीसीटीवी कैमरा लगवाएं गए है। साथ ही उत्तर प्रदेश में जनपद के सभी आबकारी अधिकारी भी बेहतर कार्य कर रहे है। सभी को निर्देश दिए गए है कि शराब तस्करी को रोकने के लिए ठोस रणनीति तैयार कार्रवाई की जाए। जिस जिले में शराब तस्करी की शिकायत ज्यादा मिलेंगी और उसमें किसी भी अधिकारी की संलिप्तता पाई गई तो उसके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। उत्तर प्रदेश में अवैध शराब का कारोबार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगा। ईंट-भट्टों, बंद पड़ी फैक्ट्रियों, गोदामों, खंडहर व औद्योगिक क्षेत्र के संदिग्ध गोदामों, कोल्ड स्टोरेज, आरओ वाटर प्लांट, पेंट व थिनर की दुकानों की सघनता से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, नेपाल, व उत्तराखंड की सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी बरतने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।
सेंथिल पांडियन सी
उत्तर प्रदेश आबकारी आयुक्त।