बिजली विभाग के खिलाफ कर्मचारियों ने खोला मोर्चा

-चेयरमैन की स्वेछाचारिता, तानाशाही के कारण हो रहा भ्रष्टाचार: शेर सिंह त्यागी

गाजियाबाद। ऊर्जा प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार व धरना तीसरे दिन गुरुवार को भी जारी रहा। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक वह यहां से उठने वाले नहीं है। उन्होंने बिजली व्यवस्था भी बाधित करने की चेतावनी दी। गुरुवार को सात सूत्रीय मांगों को लेकर कार्यालय मुख्य अभियन्ता विद्युत वितरण क्षेत्र प्रांगण में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा विरोध सभा जारी रहा। जिसमें जनपद के विद्युत विभाग के समस्त अभियन्ता, अवर अभियन्ता एवं समस्त कर्मचारियों द्वारा सहभागिता किया। आम जनमानस की समस्याओं को देखते हुए 765,400,220 केवी उपकेन्दों पर पाली में कार्यरत कार्मिकों को छोड़कर सभी कार्मिकों द्वारा आंदोलन में अपनी एकता का प्रर्दशन किया गया।

संयोजक शेर सिंह त्यागी ने बताया कि वर्तमान चेयरमैन की स्वेछाचारिता, तानाशाही के कारण नियम व कानूनों को ताक पर रखकर बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। बडी-बडी कंपनियों को धन लुटाकर खुद
लाभ कमाया जा रहा है। अगर मांगे पूरी नही की गई तो सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। सहसंयोजक अरशद अली ने बताया कि बेहतर उपभोक्ता सेवा के नाम पर मनमानें तरीके से दिन-रात वीसी करके अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रताडि़त किया जा रहा है जिसके कारण विभाग के डिस्कोमो की रेटिंग में अप्रत्याशित गिरावट हो रही है। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश ऊर्जा निगमों में शीर्ष प्रबनधन की स्वेच्छाचारिता एवं हिटलर शाही नीति पर तत्काल विराम लगाकर कार्य का वातावरण बेहतर बनाया जाये। तेलंगाना, पंजाब, राजस्थान की भाति विभाग के संविदाकर्मियों को नियमित किया जाये। विद्युत बोर्ड के विघटन के समय कार्मिको की सेवा शर्तो एवं कार्मिकों को पूर्व मिल रहे निम्नतम तीन प्रोन्नती पदों का समयबद्ध वेतन मान बहाल किया जाये व एलएमबी 10 की सुविधा इत्यादि को यथावत जारी किया जाये।

उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन 220,400,765 केवी विद्युत उपकेन्द्र किये जा रहे आउटसोसिंग की कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाई जाए। कार्मिकों को मिलने वाले वर्षो पुरानी विभिन्न भत्तों को व्यावहारिकता में पुनरीक्षित किया जाये। बेहतर विद्युत उपभोक्ता सेवा व निर्बाद विद्युत आपूर्ति सेवा कार्य संचालन के लिए मानको के अनुरूप संसाधन यथा मेन मनी एवं मेटेरियल की व्यवस्था कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। कार्मिकों के साथ बडे पैमाने पर हुए उत्पीडन की कार्यवाही को तत्काल समाप्त कर उ0प्र0 शासन में कार्मिकों के विरूद्ध बिना साक्ष्य सहित हलफनामे में की गयी शिकायतों की जाच स्थापना किये जाने का अनुपालन किया जाना सुनिश्चित किया जाये। प्रदर्शन के दौरान राज सिंह, विजय शर्मा, सतवीर सिंह, शिवम त्यागी, महेश समानिया, नेत्रपाल, वीके शर्मा, रामनायाण, दिलनवाज, कृष्ण सोलंकी, योगेन्द्र लाखा, अरविन्द सूर्या, धीरज सिंह, ओपी तेवतिया, सर्वेश शर्मा, चन्द्रशेखर शर्मा एवं गाजियाबाद के समस्त कर्मचारी एवं अभियन्ता मौजूद रहे।