जीडीए नीलामी: अप्रैल से दिसंबर तक बेची 205 करोड़ की संपत्तियां

गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की योजनाओं में रिक्त पड़ी संपत्तियों भवन, भूखंड, कॉमर्शियल भूखंड, पेट्रोल पंप भूखंड एवं आवासीय भूखंडों को खुली बोली के तहत नीलामी में खरीदने वालों ने पिछले 8 माह में खूब संपत्तियां खरीदी है।
जीडीए द्वारा नीलामी में बेची गई संपत्तियों अब तिजौरी भी भर रही है। जीडीए द्वारा अप्रैल-2022 से दिसंबर माह तक लगभग 205 करोड़ रुपए की संपत्तियों को नीलामी में बेचा जा चुका हैं। यह 90 संपत्तियां नीलामी के जरिए बेची गई। जबकि पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर 68 ईडब्ल्यूएस भवनों को भी करीब 5 करोड़ रुपए में बेचे गए।नीलामी में संपत्तियों की अधिक बिक्री होने के चलते अब स्कीम भी लांच नहीं की जा रही हैं। जीडीए के अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने बताया कि जीडीए की मधुबन-बापूधाम योजना के अलावा इंदिरापुरम, कौशांबी, वैशाली, इंद्रप्रस्थ, तुलसी निकेतन,स्वर्णजयंतीपुरम, गोविंदपुरम, कोयल एंक्लेव, आंबेडकर रोड, प्रताप विहार, विजयनगर, आरडीसी आदि कॉलोनियों में रिक्त संपत्तियों में आवासीय एवं कॉमर्शियल भूखंड, पेट्रोल पंप भूखंड, क्योस्क, कन्वीयंट शॉपिंग भूखंड आदि को नीलामी में बेचा गया।

जीडीए के अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने बताया कि अप्रैल-2022 से प्रत्येक शुक्रवार को आयोजित की जा रही नीलामी में खुली बोली के तहत 90 संपत्तियों को बेचा जा चुका हैं। शुक्रवार को भी मधुबन-बापूधाम योजना के दो भूखंड करीब 2 करोड़ रुपए में बेचे गए। उन्होंने बताया कि यह 90 संपत्तियां लगभग 200 करोड़ रुपए में बेची जा चुकी हैं। इसके अलावा पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर 68 ईडब्ल्यूएस भवनों को करीब 5 करोड़ रुपए में बेचा गए। उन्होंने बताया कि अप्रैल से अब तक पिछले 8 माह में दिसंबर तक 90 संपत्तियों और 68 ईडब्ल्यूएस भवनों को मिलाकर करीब 205 करोड़ रुपए की संपत्तियों को नीलामी में बेचा जा चुका हैं। नीलामी में खरीदारों का अच्छा रेस्पांस मिलने की वजह से प्रत्येक शुक्रवार को नीलामी आयोजित कराई जा रही हैं। ताकि अधिक से अधिक संपत्तियों को नीलामी के जरिए बेचकर शहर में विकास कार्य कराए जा सकें। उन्होंने बताया कि नीलामी में अन्य रिक्त संपत्तियों को भी बेचा जाएगा।