साढ़े 6 हजार से ज्यादा बकाएदारों पर कार्रवाई करेगा जीडीए

बकाया 400 करोड़ की वसूली के लिए प्रयास तेज

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश प्रदेश शासन द्वारा लॉन्च एक मुश्त समाधान योजना (ओटीएस) के तहत 10 माह भीतर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के 1743 डिफाल्टर बकाएदारों ने आवेदन किए हैं। यह आवेदन 31 दिसम्बर तक किए गए हैं। इनके अलावा करीब 6 हजार 699 अन्य बकाएदार हैं। इन पर जीडीए का करीब 400 करोड़ रुपए अटका पड़ा है। शासन ने विगत 6 मार्च 2020 को ओटीएस लॉन्च की थी। इसके तहत आवेदन नहीं करने वाले डिफाल्टरों पर प्राधिकरण शिकंजा कसेगा। जीडीए उपाध्यक्ष कृष्णा करूणेश का कहना है कि जीडीए का जिन पर बकाया, उनसे हर हाल में सख्ती से वसूली की जाएगी। ऐसे डिफॉल्टरों पर करीब 400 करोड़ रुपए बकाया होने के चलते इनके खिलाफ आरसी जारी कराई जाएगी। जीडीए में ऑनलाइन और ऑफलाइन कुल 1743 डिफाल्टर बकाएदारों ने ओटीएस स्कीम में आवेदन जमा कराए हैं। इनका जीडीए द्वारा निस्तारण किया जा रहा हैं। बकाएदारों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया और पंपलेट के जरिए भी फार्म जमा करने की अपील की गई, मगर इन बकाएदारों पर कोई असर नहीं हुआ। जीडीए के शहर में 8442 आवंटी बकाएदार थे। इन पर करीब 689 करोड़ रुपए बकाया था। इनमें से 1743 बकाएदारों ने आवेदन जमा किए। कुल मिलाकर अब 6699 डिफाल्टर बकाएदार आवंटी हैं। इन पर करीब 400 करोड़ रुपए भवन, भूखंड, कॉमर्शियल भूखंडों आदि का बकाया है। ओटीएस योजना लॉन्च होने होने के बाद जीडीए में 1743 डिफाल्टर आवंटियों द्वारा एकमुश्त समाधान योजना के तहत आवेदन किए गए। जीडीए के अपर सचिव एवं संपत्ति प्रभारी सीपी त्रिपाठी ने बताया कि जीडीए में मार्च से लेकर 31 दिसंबर तक ओटीएस योजना के तहत 1743 डिफाल्टर आवंटियों द्वारा आवेदन जमा किए गए। इनका निस्तारण किया जा रहा हैं। इनमें बकाएदारों ने 111 करोड़ रुपए जमा कराए हैं। जीडीए उपाध्यक्ष कृष्णा करूणेश ने बताया कि एकमुश्त समाधान योजना के तहत डिफॉल्टर आवंटी को बकाया भुगतान के लिए छूट दी गई थी। मगर योजना के लागू होने के बाद भी बकाएदारों ने आवेदन जमा नहीं किए। इनकी मंशा पैसा जमा कराने की नहीं है। ऐसे करीब 6699 डिफाल्टर आवंटी हंै। इनकी सूची तैयार कराने के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। इनकी तहसील से आरसी जारी कराई जाएगी। ताकि पैसा जमा कराया जा सके। एक मुश्त पैसा जमा करने पर दंड ब्याज में छूट दी जाएगी। जीडीए के सबसे ज्यादा इंदिरापुरम, मधुबन-बापूधाम, नंदग्राम, कोयल एंक्लेव आदि कॉलोनियों के बकाएदार हैं। इंदिरापुरम में 1624 आवंटियों पर 192 करोड़ रुपए बकाया है। इसके बाद सबसे ज्यादा बकाएदार नंदग्राम में है। नंदग्राम में 3061 आवंटियों पर 30 करोड़ रुपए बकाया हैं। तुलसी निकेतन, मधुबन-बापूधाम आदि कॉलोनियों में रहने वाले आवंटियों पर जीडीए का करोड़ों रुपए बकाया है। जीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि ओटीएस स्कीम की अवधि पूरी हो चुकी है। मगर बकाएदारों द्वारा पैसा जमा नहीं कराया जा रहा हैं। इनके आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। जीडीए के इंदिरापुरम, वैशाली और कौशाम्बी के अलावा इंदिराकुंज में ऐसे 1619 डिफॉल्टर आवंटी है। इसके अलावा 15 आवंटी कॉमर्शियल भूखंड के हैं। इन पर जीडीए का 114 करोड़ रुपए बकाया है।