गाजियाबाद नगर निगम ने किया भुगतान ठेकेदार बोले थैंक्यू

शुक्रवार को दिन में ठेकेदारों के चेहरे पर मायूसी रही। शाम को जब उनके खाते में पैसे ट्रांसफर होने का मैसेज आया तो चेहरे पर रौनक आई। भुगतान मिलने के बाद ठेकेदारों ने नगर निगम अधिकारियों को थैंक्यू बोला। हालांकि ठेकेदारों को इस बात का मलाल है कि उन्हें अपेक्षा अनुकूल भुगतान नहीं मिला। लेकिन इस बात को लेकर संतुष्टि भी दिखी कि त्यौहार पर नगर निगम ने उनका भुगतान किया।

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। नगर निगम के ठेकेदार इन दिनों काफी परेशान हैं। ठेकेदारों की समस्या भुगतान को लेकर है। दीपावली में चंद दिन बचे हुए हैं लेकिन दोपहर तक उनका भुगतान नहीं हुआ था। ऐसे में शुक्रवार को दिन में ठेकेदारों के चेहरे पर मायूसी रही। शाम को जब उनके खाते में पैसे ट्रांसफर होने का मैसेज आया तो चेहरे पर रौनक आई। भुगतान मिलने के बाद ठेकेदारों ने नगर निगम अधिकारियों को थैंक्यू बोला। हालांकि ठेकेदारों को इस बात का मलाल है कि उन्हें अपेक्षा अनुकूल भुगतान नहीं मिला। लेकिन इस बात को लेकर संतुष्टि भी दिखी कि त्यौहार पर नगर निगम ने उनका भुगतान किया।
दरअसल गाजियाबाद नगर निगम इन दिनों जबरदस्त आर्थिक तंगी से जू­ा रहा है। नगर निगम पर सैकड़ों करोड़ रुपये का बकाया है। सिर्फ ठेकेदारों का ही लगभग 150 करोेड़ रुपये का बकाया नगर निगम पर है। नगर निगम को शासन से कोई फंड भी नहीं मिला है अलबत्ता शासन से कई मदों में फंड में कटौती कर दी गई। बीते दिनों नगर निगम को कई पुरानी सरकारी बकाये का एकमुश्त भुगतान करना पड़ गया। ऐसे में ठेकेदारों को इस बात की चिंता सता रही थी उन्हें दीपावली त्यौहार पर कोई भुगतान नहीं मिलेगा। नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ को गाजियाबाद के नगर आयुक्त के चार्ज के साथ आर्थिक संकट का कांटो भरा ताज मिला है। डॉ. नितिन गौड़ संवेदनशील हैं लेकिन उनकी भी मजबूरी है कि आर्थिक संकट में फंसे निगम को उबारने के साथ देनदारी के बो­ा को कैसे कम किया जाये। समस्या के समाधान को लेकर नगर आयुक्त ने आमदनी बढ़ाने और फिजूलखर्ची रोकने का फार्मूला नगर निगम में लागू किया हैै। नगर आयुक्त की इस नीति की सभी तारीफ कर रहे हैं। नगर आयुक्त के इस प्रसास से धीरे-धीरे नगर निगम का आर्थिक संकट खत्म हो जाएगा। बहरहाल मौजूदा चुनौती को भी नगर आयुक्त ने सम­ाा और ठेकेदारों की पीड़ा को भी सम­ाा। पिछले दिनों ठेकेदारों के एक प्रतिनिधि मंडल ने नगर आयुुक्त से मिलकर भुगतान की मांग की थी। नगर आयुक्त ने ठेकेदारोें को आश्वासन दिया कि बकाये का भुगतान एक साथ संभव नहीं है लेकिन धीरे-धीरे करके सभी का भुगतान कराया जाएगा। उस पर अमल शुरू हो गया है। शुक्रवार शाम भुगतान मिलने पर ठेकेदारों ने प्रसन्नता जताई। नगर निगम कॉट्रैक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिन त्यागी ने बताया कि शाम के बाद ठेकेदारों के एकाउंट में पैसे आने शुरू हो गए हैं। कई ठेकेदारों के खाते में पैसे आ गये हैं। संभव है कि कुछ ठेकेदारों के खाते में पैसे में कल तक आ जाये। हालांकि ठेकेदारोें को कम भुगतान हुआ है। ऐसे में ठेकेदारों के समक्ष आर्थिक समस्या बनी हुई है। लेकिन ठेकेदार भी नगर निगम के अंग हैं और वह निगम की आर्थिक परेशानियों को समझते हैं।