बिजली विभाग के खिलाफ कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार चौथे दिन जारी

-प्रदेश भर में हजारों बिजली कर्मियों ने सीयूजी फोन किये बंद, मांगे पूरी नही होने पर दी आंदोलन की चेतावनी

गाजियाबाद। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र के आह्वान पर ऊर्जा निगमों में 29 नवम्बर से जारी अनिश्चिकालीन कार्य बहिष्कार शुक्रवार को चौथे दिन भी जारी रहा। प्रदेश भर में हजारों बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं ने कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया।
गाजियाबाद में सैकड़ों अभियंता, अवर अभियंता, कर्मचारी, संविदाकर्मियों ने मुख्य अभियंता कार्यालय राजनगर पर एकत्रित होकर बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आम जनता को तकलीफ न हो इस दृष्टि से कार्य बहिष्कार के चालू चरण में बिजली उत्पादन घरों, पारेषण विद्युत उपकेन्द्रों, सिस्टम ऑपरेशन और वितरण विद्युत उपकेन्द्रों की पाली में तैनात बिजली कर्मियों को कार्य बहिष्कार आन्दोलन से फिलहाल अलग रखा गया है।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों आलोक त्रिपाठी, अरशद अली, नेत्रपाल, आरपी सिंह, बीके शर्मा, केके सोलंकी, धर्मेंद्र मौर्या, योगेंद्र लाखा, पंकज भारद्वाज, अरविंद सूर्या, दिलनवाज, ओपी तेवतिया, राज सिंह, महेश समानिया आदि ने ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन पर हठवादी रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि चेयरमैन बिजली कर्मियों की समस्याओं के बारे में सही तथ्य न बताकर सरकार को गुमराह कर रहे हैं जिससे ऊर्जा निगमों में कार्य का वातावरण पूरी तरह समाप्त हो गया है और टकराव बढ़ रहा है।

उन्होंने पुन: प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा से प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की। जिससे ऊर्जा निगमो में कार्य का वातावरण बने और बिजली कर्मियों की न्यायोचित समस्याओं का समाधान हो सकें। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि शांतिपूर्ण कार्य बहिष्कार आंदोलन के कारण किसी भी बिजली कर्मी का कोई उत्पीडऩ किया गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे और सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मी उसी समय हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होंगे।

बिजली कर्मियों की मुख्य मांग है कि ऊर्जा निगमों में चेयरमैन व प्रबन्ध निदेशक के पदों पर समुचित चयन के बाद ही नियुक्ति की जाये, बिजली कर्मियों को पूर्व की तरह 09 वर्ष, 14 वर्ष एवं 19 वर्ष की सेवा के उपरान्त पदोन्नति पद का समयबद्ध वेतनमान दिया जाये, बिजली कर्मियों को कैशलेस इजाल की सुविधा दी जाये, ट्रांसफॉर्मर वर्कशॉप का निजीकरण एवं पारेषण विद्युत उपकेन्द्रों के परिचालन एवं अनुरक्षण के आउटसोर्सिंग के आदेश निरस्त किये जाये, समस्त कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाये, बिजली कर्मियों की सुरक्षा के लिए प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाये, बिजली निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लिमिटेड का गठन किया जाये, भत्तों का पुनरीक्षण किया जाये एवं उत्पादन प्रोत्साहन भत्ता प्रदान किया जाये, बिजली कर्मियों को मिल रही रियायती बिजली की सुविधा यथावत रखी जाये, बिजली कर्मियों व संविदा कर्मियों को बोनस का भुगतान किया जाये, संविदा कर्मियों को नियमित किया जाये, बिजली कर्मियों की वेतन विसंगतियां दूर की जायें।