पुरानी पेंशन बहाली को लेकर महासम्मेलन में उमड़ा शिक्षक-कर्मचारियों का सैलाब

  • पेंशन कि बहाली व निजीकरण कि समाप्ति को लेकर जंग रहेगी जारी: विजय कुमार बंधु

  • प्रदेश और देश को चलाने में कर्मचारियों, शिक्षकों, इंजीनियरों और अधिकारी निभा रहें विशेष भूमिका

गाजियाबाद/मेरठ। पुरानी पेंशन बहाली के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के समस्त पेंशन विहीन शिक्षक, कर्मचारी का हुजूम मेरठ के नलकूप कम्पाउंड में एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो महासम्मेलन आयोजित किया गया। अटेवा के जिलाध्यक्ष मनीष शर्मा के आवाहन पर जनपद गाजियाबाद से हजारों शिक्षकों ने अधिवेशन में प्रतिभाग किया और समस्त विभागों से शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन के संघर्ष को महासंग्राम बनाने के लिए बारिश के मौसम में भी पहुंचकर अपनी मांगों को लेकर हुंकार भरी।

सभी को संबोधित करते हुए एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने आश्वासन दिया कि इस बार अपनी लड़ाई को 2023 में एक रणनीति अटेवा के द्वारा एक रणनीति के तहत ओपीएस की लड़ाई लड़ी जाएगी और 2024 से पहले पूरा देश पेंशनमय होगा। अनपढ़ आदमी संसद में जाकर हमें बता रहा है कि एनपीएस अच्छी है और पढ़े-लिखे सारे कर्मचारी बता रहे हैं कि पुरानी पेंशन अच्छी है। अब आपको निर्णय करना है आपको अनपढ़ों के ऊपर विश्वास करना है या पढ़े-लिखे अधिकारी, सरकारी कर्मचारियों पर विश्वास करना है।

पुरानी पेंशन कि बहाली व निजीकरण कि समाप्ति कि लड़ाई सभी कि लड़ाई है, पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर सभी कर्मचारी एकजुट है। हम यह उम्मीद करते हैं कि यह महासम्मेलन उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। संबोधन के उपरांत समस्त कर्मचारियों ने विजय कुमार बंधु के साथ रोड़ पर उतर कर डीएम कार्यालय तक पद यात्रा कर ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन दिया गया। पैदल मार्च निकाल कर न सिर्फ कर्मचारी व शिक्षकों ने अपनी ताकत दिखाई बल्कि सरकार को चेतावनी दी। इस दौरान आंदोलित समूह एक तरफ कर्मचारी, शिक्षकों की एकजुटता को बार-बार प्रदर्शित करता रहा तो वहीं पेंशन बहाली को लेकर जमकर नारे गूंजे।

जिलाध्यक्ष मनीष शर्मा ने कहा पुरानी पेशन बहाल को लेकर अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। अगर एक अप्रैल 2005 के बाद भर्ती हुए कर्मचारी के साथ कोई हादसा होता है, तो सामाजिक सुरक्षा के नाम पर उसके परिवार को कोई सुविधा नहीं मिलती। प्रदेश और देश को चलाने में कर्मचारियों, शिक्षकों, इंजीनियरों और अधिकारियों की विशेष भूमिका है, पर प्रदेश में उनकी उपेक्षा की जा रही है। जहां नेता, विधायक, सांसद आज भी कई-कई पेंशन ले रहे हैं। लेकिन कर्मचारियों को मिलने वाली एक पेंशन को भी समाप्त कर दिया गया है। जिससे अब सहन नहीं किया जाएगा। भारत में नेताओं और कर्मचारियों के लिए अलग अलग विधान बना है। जिसे शिक्षक-कर्मचारी अब किसी भी सूरत में बरदाश्त नहीं करेंगे।

जनपद गाजियाबाद की कार्यकारिणी ने दिया 75 हजार रुपए का योगदान

जनपद गाजियाबाद की कार्यकारणी ने 75 हजार रुपए का चेक शहीद डॉक्टर रामाशीष शहीद कार्यालय के लिए विजय कुमार बंधु को उपलब्ध कराया। जनपद के सलाहकार राज किशोर मिश्रा, उपाध्यक्ष राम शेष वर्मा, प्रदीप चौहान कोषाध्यक्ष, आरती वर्मा (महिला अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ), मीनू शर्मा (जिला महामंत्री महिला प्रकोष्ठ), संजय चौधरी ब्लॉक अध्यक्ष मुरादनागर, रेखा रानी सयुक्त मंत्री, रिंकी गुप्ता महामंत्री लोनी, मोहमद अब्बास, पारस गोस्वामी (ब्लॉक अध्यक्ष लोनी), बीएल जायसवाल (जिला सयुक्त मंत्री), राजपाल यादव (ब्लॉक अध्यक्ष भोजपुर), महानगर अध्यक्ष अमित त्यागी एवं समस्त प्रभारियों ने पूरी ताकत झोंक दी। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन गाजियाबाद के जिला अध्यक्ष एसपी वर्मा, अंबरीश अंबालिया (जिला प्रवक्ता), राष्ट्रीय शैक्षिक संघ के जिलाध्यक्ष अमित गोयल, सुधीर कुमार, सुधीर त्यागी संरक्षक, टीएससीटी प्रदेश आईटी सेल प्रभारी जाकिर हुसैन उपस्थित रहे।