कल्याण सिंह का निधन एक अपूरणीय छति: डॉ पी एन अरोड़ा

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में हिंदुत्व का बड़ा चेहरा रहे पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का बीते शनिवार शाम निधन हो गया उनके निधन की खबर सुनकर उत्तर प्रदेश सहित पूरा देश शोक में डूब गया। वहीं इस दुख की घड़ी में अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए यशोदा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशाम्बी के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ पीएन अरोड़ा ने कहा स्वर्गीय कल्याण सिंह बेहद करीबी थे और स्वास्थ्य सम्बन्धी मामलों में भी वह कई बार यशोदा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशाम्बी आये थे। उनकी स्पाइन (रीढ़ की हड्डी) का ऑपरेशन भी हॉस्पिटल में ही हुआ था। एक वर्ष पूर्व 16 सितम्बर 2020 से लेकर 12 अक्टूबर 2020 तक वह हॉस्पिटल में भर्ती थे। करीब 26 दिनों के डॉक्टरों के अथक प्रयास, गहन निगरानी एवं उपचार से कोरोना बीमारी को कल्याण सिंह ने 89 वर्ष की उम्र में अपनी दृढ शक्ति से हराया था। स्व0 कल्याण सिंह ने हॉस्पिटल से डिस्चार्ज के समय अत्यंत हर्ष का अनुभव किया था और उन्होंने कहा कि था वह एक नहीं दो प्रकार की विजय हासिल कर के जा रहे हैं। जिनमें कोरोना को हारने के साथ-साथ अयोध्या मामले में बरी होने की सूचना भी शामिल है। उन्होंने हॉस्पिटल के डॉ पीएन अरोड़ा का ह्रदय से आभार व्यक्त किया तहत और उन्हें व्यक्तिगत शुभकामनायें दीं थी। डॉ पी एन अरोड़ा ने उन्हें उनकी इस विजय के लिए प्रतीकात्मक तलवार भी भेंट की थी, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार करते हुए हवा में लहराई भी थी। उनके निधन के समाचार से ह्दय बहुत आहत हुुआ है। उनके निधन से आई रिक्तता की भरपाई लगभग असम्भव है। ईश्वर उनके शोक संतप्त परिवार को दु:ख की इस कठिन घड़ी में धैर्य और संबल प्रदान करे। डॉ अरोड़ा ने कहा कि कल्याण सिंह जी के निधन से आज हमने एक ऐसा विराट व्यक्तित्व खो दिया। जिसने अपने राजनीतिक कौशल, प्रशासकीय अनुभव और विकासोन्मुखी दृष्टिकोण से राष्ट्रीय स्तर पर एक अमिट छाप छोड़ी। उनके साथ बिताये हुए पलों को याद कर डॉ अरोड़ा ने बताया कि वो बहुत ही सहज व सरल थे, वे सबके प्रिय थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने प्रदेश के विकास को नई गति दी। राजस्थान व हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर उनके सुदीर्घ अनुभव का लाभ दोनों राज्यों को भी मिला। उनका निधन राजनीति के एक युग का अंत है।