17 श्रमिकों की बेटियों को श्रम विभाग ने बांटी साइकिल

गाजियाबाद। उप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के पुत्र एवं पुत्रियों को कक्षा-10 अथवा कक्षा-12 उत्तीर्ण कर अगली कक्षा में प्रवेशित होने पर उन्हें आगे की पढ़ाई हेतु प्रेरित करने एवं विद्यालय जाने हेतु लोहियानगर उप-श्रमायुक्त कार्यालय परिसर में बुधवार को साईकिल वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 17 पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की पुत्रियों को साईकिल वितरित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता उप श्रमायुक्त राजेश मिश्रा ने व संचालन श्रम प्रवर्तन अधिकारी रामअशीष ने किया।

श्रम आयुक्त सिद्धार्थ मोदियानी ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करना है। साइकिल होने से उन्हें घर से कॉलेज तक आने-जाने में सुविधा होगी। उन्होंने बताया कि संत रविदास गाड्से शिक्षा सहायता योजना में पंजीकृत श्रमिकों के बेटे को भी शामिल किया गया है। उन्हें भी हाईस्कूल और इंटर पास होने के बाद अगली कक्षाओं में दाखिला लेने के कागजातों के साथ आवेदन करना होगा। आवेदन के सत्यापन के बाद ही उन्हे पात्र मानते हुए साइकिल दी जाएगी।

बता दें कि जिले में करीब 42 हजार निर्माण श्रमिक पंजीकृत हैं। इनका कार्ड का नियमित नवीनीकरण हुआ है। श्रम विभाग द्वारा पंजीकृत श्रमिकों के लिए चिकित्सा योजना भी चलाई जा रही हैं। योजना के तहत करीब 5 हजार श्रमिकों के आवेदन जमा हो चुके हैं। इन आवेदनों का विभाग सत्यापन कर रहा है। सत्यापन पूरा होने के पात्र आवेदकों का इसका लाभ दिया जाएगा। कार्यक्रम में लालता प्रसाद,शिवनारायण,विनीत मिश्रा,श्रम प्रवर्तन अधिकारी डॉ.रूपाली समेत विभाग के 150 निर्माण श्रमिकों एवं उनकी बेटी मौजूद रहीं। कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित शिशु,मातृत्व एवं बालिका सहायता योजना,मेधावी छात्र पुरस्कार योजना,सन्त रविदास शिक्षा सहायता छात्रवृत्ति योजना,आवासीय विद्यालय योजना ,कन्या विवाह सहायता,आवास सहायता,शौचालय सहायता,गंभीर बीमारी सहायता,निर्माण कामगार मृत्यु विकलांगता सहायता एवं अक्षमता पेंशन योजना, निर्माण श्रमिक अंत्येष्टि सहायता योजना,महात्मा गांधी पेंशन योजना आदि के बारे में जानकारी देते हुए प्रोत्साहित किया। इसके अतिरिक्त मिशन शक्ति एवं श्रम कल्याण परिषद द्वारा संचालित योजनाओं, समान पारिश्रमिक अधिनियम, महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ अधिनियम तथा मातृका हितलाभ अधिनियम के संबंध में जानकारी दी गई।