निगम बैठक में ठेकेदारों पर महाभारत, कुछ पार्षदों ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप तो कुछ पार्षदों ने कहा जल्द करो भुगतान

गाजियाबाद। नगर निगम की बोर्ड बैठक में शनिवार को ठेकेदारों को लेकर जमकर हंगामा हुआ। कुछ पार्षदों ने ठेकेदारों पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के गंभीर आरोप लगाए। जबकि कुछ पार्षद खुलकर ठेकेदारों के पक्ष में उतर आए। इन पार्षदों ने कहा कि भुगतान न होने से ठेकेदार परेशान हैं। उनका भुगतान जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। नगर निगम की बोर्ड बैठक सुबह 11 बजे महापौर आशा शर्मा की अध्यक्षता में शुरू हुई। बोर्ड बैठक में बजट प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी। हालाकि कुछ पार्षदों ने ठेकेदारों के भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाकर माहौल गरमा दिया। पार्षदों ने आरोप लगाया कि कई ठेकेदार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। वह काम नहीं कर रहे। भाजपा पार्षद सुनील यादव ने कुछ वार्डों में स्वीकृत विकास कार्य न होने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा कि कई वार्ड ऐसे हैं, जहां 10 करोड़ रुपए से अधिक तक के काम हो चुके हैं, मगर कई वार्ड में 2 करोड़ रुपए के कार्य भी नहीं कराए गए हैं। विकास कार्यों में भेदभाव होना गलत बात है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वार्डों में काम के वितरण में भी भ्रष्टचार का बोल-बोला है। पार्षदों ने कहा कि ठेकेदार काम करते नहीं हैं और उन्हें भुगतान हो जाता है।

नगर निगम के वार्ड नंबर-72 वैशाली-कौशाम्बी से पार्षद मनोज गोयल ने आरोप लगाया कि उनके वार्ड में एक ठेकेदार ने स्वीकृत कार्य किया नहीं, मगर उसे पूरा भुगतान कर दिया गया। इस संबंध में उन्होंने नगरायुक्त के अलावा यूपी सरकार के पोर्टल पर भी शिकायत की। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। उन्होंने इस मामले में वसुंधरा जोन में तैनात रहे निर्माण विभाग के अवर अभियंता (जेई) गणेशी लाल पर आरोपी ठेकेदार का सहयोग करने का आरोप भी लगाया।

बोर्ड बैठक में पार्षदों ने आकांक्षा, बालाजी, संजीव सहित कई ठेका फर्मों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। दूसरी तरफ कुछ पार्षदों ने ठेकेदारों की पैरोकारी की। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों को बकाया का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसके चलते ठेकेदार आर्थिक तंगी की चपेट में हैं। नतीजन प्रस्तावित विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं। इन पार्षदों ने ठेकेदारों को तत्काल बकाया का भुगतान करने की पुरजोर मांग की।