आंदोलन को 6 माह पूरे, किसानों ने मनाया काला दिवस

-बॉर्डर पर केंद्र सरकार का पुतला फूंका, पुलिस से टकराव

गाजियाबाद। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों ने आंदोलन के 6 माह पूरे होने पर बुधवार को यूपी गेट-गाजीपुर बॉर्डर से लेकर गांवों तक में काले झंडे लहराए। इस दौरान सरकार का पुतला फूंक कर काला दिवस मनाया। गाजीपुर बॉर्डर पर पुतला फूंकने के दौरान पुलिस और किसानों के बीच तकरार भी हुई। किसानों ने पुलिस से पुतला छीनकर पुतला जलाया। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू)के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने काली पगड़ी पहनकर मंच से केंद्र सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि सरकार की बर्बादी की तारीख भी 26 ही रहेगी। किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत के नेतृत्व में यूपी गेट पर कृषि कानून के विरोध में किसानों ने सरकार का पुतला फूंका और काले झंड़े लेकर धरना स्थल पर नारेबाजी करते हुए परिक्रमा की। चौधरी राकेश टिकैत ने भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन,प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी राजवीर सिंह,राजेश चौहान,मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक,प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा,जिलाध्यक्ष बिजेंद्र सिंह,मीडिया प्रभारी शूटर शमशेर राणा,ओमपाल मलिक आदि किसानों के बीच कहा कि तीनों कृषि कानून के विरोध में 28 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन चल रहा है। 6 माह पूरे होने पर भी सरकार किसानों की मांग पूरी नहीं कर पाई। उन्होंने आंदोलन स्थल पर शामिल किसानों की कम संख्या को देखते हुए कहा कि यह आंदोलन 2024 तक भाजपा सरकार के रहने तक भी चल सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी पार्टी की होती तो शायद मांगों को मान लिया जाता। यह व्यक्ति विशेष की हठधर्मिता है। सत्तासीन पार्टी के सांसद हाउस अरेस्टिंग हैं, जो चाहकर भी न कुछ बोल सकते और न कहीं जा सकते। हमें इस आंदोलन की तैयारी वैसे ही करनी होगी जैसे तीन साल के लिए फसल की करते हैं। गांव में बैठे हुए लोग आएंगे नहीं तो आंदोलन कैसे चल पाएगा। खेत में जाए बिना फसल कैसे तैयार होगी। उन्होंने कहा कि जैसे खेत की रखवाली करते हैं वैसे ही आंदोलन की करनी होगी। खुद ही झोपड़ी बनानी होगी। गांव से साधन लाने पड़ेंगे। आंधी-बारिश और गर्मी से निपटने के लिए पक्के टेंट की व्यवस्था करनी होगी। रस्सी,बांस,तख्त,चारपाई और ट्रालियां सब मजबूत चाहिए।उन्होंने कहा कि गांव से लेकर दिल्ली तक संघर्ष तेज करना होगा, आंदोलन की भाषा सीखनी होगी। तारीख वह भी 26 ही थी, जब किसानों ने दिल्ली तक पांच लाख ट्रैक्टर पहुंचा दिए थे। यह तारीख हर महीने आती है और ट्रैक्टर भी हैं। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि सरकार अगर बात नहीं मानेगी तो उसकी बर्बादी का दिन भी 26 तारीख ही होगा।पुलिस-प्रशासन तंग करेगा तो कटेगी थाने और दफ्तर की बिजली:भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि पुलिस तंग करेगी तो थाने की, प्रशासन करेगा डीएम दफ्तर समेत अन्य विभागों की बिजली काटी जाएगी। उन्होंने कहा कि कहीं कुछ भी हो सकता है। किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है। आंदोलन लंबा चलेगा और अंजाम तक पहुंचाकर ही यह समाप्त होगा। सरकार को वार्ता के लिए पत्र लिखा है। आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहेगा। भूख को देखकर अनाज की कीमतें तय करने की योजना को पूरा नहीं होने देंगे।आंदोलन में आने वालों का रजिस्ट्रेशन होगा:कृषि कानून विरोधी धरने में आने वालों का रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा। यूपी गेट पर धरनास्थल के मंच से कृषि कानून विरोधियों को संबोधित करते हुए भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। यहां आने वाले हर व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इसके लिए समिति की ओर से तैयारी की जा रही है। 26 मई को धरने के छह माह पूूरे होने पर यूपी गेट पर काले झंड़े लेकर परिक्रमा करते हुए सरकार विरोधी नारेबाजी की। किसानों के पुतला फूंकने के दौरान पुलिस बीच में आ गई।