शहर को गोबर मुक्त बनाने की नगर निगम ने की शुरूआत

डोर टू डोर गोबर कलेक्शन कर नगर निगम ने किया पायलेट प्रोजेक्ट का शुभारंभ

गाजियाबाद। शहर को साफ-सुथरा बनाने के लिए गाजियाबाद नगर निगम ने स्वच्छता की ओर एक कदम बढ़ाया है। अब शहर में डोर-टू-डोर कचरा उठाने के साथ ही गोबर भी उठाया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन को प्रभावी बनाने के लिए नगर निगम ने रणनीति तैयार कर ली है। जल्द ही शहर गोबर मुक्त दिखाई देगा। सफाई कर्मचारी अपने तय ठिकानों पर जाकर सफाई अभियान चलाएंगे। गंदगी दूर करने के साथ ही लोगों को भी सफाई के प्रति जागरूक करेंगे। दरअसल, लंबे समय से गंदगी की मार झेल रहे शहर को अब स्वच्छ बनाने के लिए सामाजिक संगठन भी आगे आने लगे हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों में जागरूकता भी दिन पर दिन आ रही है। इसी कड़ी में गाजियाबाद नगर निगम ने एक ओर नई मुहित की शुरूआत करते हुए डोर टू डोर गोबर कलेक्शन कर पायलेट प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया है। नगर निगम का शहर से गोबर की समस्या का समाधान करने की दिशा में एक अनोखा प्रयास है। मेयर आशा शर्मा एवं नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर के नेतृत्व में नगर निगम द्वारा शहर की विशाल समस्या डेरियो के गोबर की समस्या का समाधान करने का प्रयास किया गया है। गोबर की समस्या का निस्तारण के लिए वसुंधरा जोन स्थित वार्ड-21 भोवापुर, मोहन नगर जोन स्थित जनकपुरी वार्ड-70 की डेरियो से डोर टू डोर गोबर कलेक्शन अभियान की शुरुआत की गई है। प्रतिदिन 10 प्रति भैंस या गाय के गोबर के अनुसार अल्प शुल्क लेकर गाजियाबाद नगर निगम वसुंधरा जोन व मोहन नगर जोन में शुरुआती दौर में गोबर कलेक्शन का कार्य प्रारंभ कर चुका है। जिसमें कुल 46 डेरिया तथा 523 कुल पशु जिनका गोबर नगर निगम द्वारा डेरियो से उठाकर निश्चित स्थान पर ले जाया जाता है। प्रत्येक जोनों में इसी प्रकार गोबर की समस्या का समाधान जल्द ही किया जाएगा। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मिथिलेश ने बताय कि इस प्रकार की योजना से शहर की स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा। जो गोबर डेरी वाले नाले व नालियों में खुले में बहा देते थे, अब उस पर रोक लगेगी। साथ ही वह अब उसी गोबर को गाजियाबाद नगर निगम को सौंपेंगे। जिससे नगर निगम के इस प्रयास को बढावा मिलेगा। शहर से एकत्र किए गए गोबर का सदुपयोग खाद तथा अन्य कार्यों के लिए किया जाएगा। जिससे गाजियाबाद निगम के व्यय में कमी आएगी। मोहन नगर जोन तथा वसुंधरा जोन के आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी एवं पार्षदों का विशेष योगदान नगर निगम की योजनाओं में मिल रहा है।