पेयजल संकट से निपटने को नगर निगम की दूरदर्शी नीति तैयार

प्रतिदिन की जरूरत के हिसाब से शहरवासियों के लिए पानी का होगा बंदोबस्त 

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। शहर में पेयजल आपूर्ति में सुधार लाने के लिए नगर निगम अब ठोस कदम उठाने के मूड में है। करीब 25 लाख की आबादी को ध्यान में रखकर कार्ययोजना तैयार की गई है। भविष्य में घर-घर में पर्याप्त पेयजल की उपलब्धता हो सकेगी। ना किसी को कम और न किसी को ज्यादा पानी मिलेगा। यानी प्रतिदिन की जरूरत के हिसाब से नागरिकों के लिए पानी का बंदोबस्त होगा। व्यवस्था में सुधार आने से ना नागरिक हो-हल्ला मचा सकेंगे और न पार्षदों को जलकल विभाग की नीति पर सवाल उठाने का मौका मिलेगा। दरअसल यह सब-कुछ नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर की बेहतर प्लानिंग और कार्यकुशलता के कारण होने जा रहा है। तंवर नगर निगम की सभी योजनाओं की प्लानिंग और उसके क्रियान्वयन में जनहित और अधिक से अधिक लोगों तक लाभ पहुंचाने पर जोर देते हैं।
नगरायुक्त की सक्रियता ने दिखाई राह
नगरायुक्त तंवर ने शहर को पेयजल संकट से मुक्त कराने के लिए प्लानिंग करने के बाद प्रभावी प्रयास का मन बनाया है। निकट भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। अब तक जलकल विभाग भी औपचारिक तरीके से जिम्मेदारी का निर्वहन करता आ रहा था, मगर नगरायुक्त की सक्रियता को देखकर यह विभाग भी एकाएक ऊर्जामय होता दिख रहा है। नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने नगर निगम सीमांतर्गत पेयजल संकट की स्थिति जानने के लिए हाल-फिलहाल में जलकल विभाग से सर्वे कराया है। सर्वे के नतीजे भी चौंकाने वाले सामने आए हैं। सर्वे कहता है कि किसी वार्ड में जरूरत से ज्यादा तो किसी में जरूरत के अनुरूप पेयजल उपलब्ध नहीं है। यानी पेयजल वितरण की व्यवस्था में भारी अंतर है। नगर निगम में कुल 100 वार्ड आते हैं। इन वार्डों में करीब 25 लाख की आबादी रहती है। इसी क्रम में भवनों की संख्या साढ़े 3 लाख से ज्यादा है।
सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कार्ययोजना
जलकल विभाग के सर्वे में सामने आया है कि 37 वार्डों में पेयजल की कोई कमी नहीं है। मसलन इन वार्डों में कुल आबादी की डिमांड से भी अधिक पानी उपलब्ध है। जबकि शेष 63 वार्डों में नागरिकों की जरूरत के मुताबिक पेयजल उपलब्ध नहीं है। सर्वे से पेयजल का यह बड़ा अंतर आसानी से जाना जा सकता है। इस अंतर को दूर करने के लिए नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर नए कदम उठाने जा रहे हैं। कार्ययोजना के तहत 2025 तक प्रत्येक घर में प्रत्येक व्यक्ति की जरूरत के मुताबिक पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाएगी। इसके लिए आवश्यक बिंदुओं पर काम किया जाएगा। जैसे वार्ड में डिमांड से अधिक पानी उपलब्ध है, वहां अब नए नलकूप की स्थापना नहीं की जाएगी।
इन बिंदुओं पर होगा काम
जिस वार्ड में पेयजल संकट होगा, वहा नई पाइप लाइन बिछाकर आपूर्ति को दुरूस्त कराया जाएगा। इसके अलावा पानी का प्रेशर भी सुधरेगा ताकि बहुमंजिला इमारतों में पेयजल आपूर्ति में कोई दिक्कत न आए। भूजल का कम से कम प्रयोग हो सके, इसके चलते सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के शोधित जल को प्रयोग में लाया जाएगा। जिस वार्ड में आवश्यकता होगी, वहां नए नलकूप स्थापित कराए जाएंगे। आने वाले समय में नगर निगम की यह नीति निश्चित रूप से कारगर साबित होगी। नागरिकों को इसका भरपूर फायदा मिल सकेगा।
सभी को मिलेगा पर्याप्त पेयजल
शहर में पेयजल आपूर्ति को सुधारने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। जलकल विभाग द्वारा तैयार सर्वे रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद जरूरी बिंदुओं पर काम करने के निर्देश दे दिए गए हैं। नागरिकों को पेयजल संकट से परेशान न होना पड़े, इसके लिए नगर निगम कृतसंकल्प है। जलकल विभाग की तरफ से भी कुछ जरूरी चीजें बताई गई हैं, जिन्हें अमल में लाया जाएगा।
महेंद्र सिंह तंवर
नगरायुक्त
गाजियाबाद नगर निगम