डॉ. राजाराम जयपुरिया का स्मृति समारोह का वार्षिक व्याख्यान का आयोजन

हमारी प्राचीन ज्ञान संपादा सभी क्षेत्रों में व्याप्त: शिशिर जयपुरिया

गाजियाबाद। स्वामी स्वरूपानंद ने तृतीय डॉ. राजाराम जयपुरिया स्मृति व्याख्यान देते हुए एक मजबूत और दृढ़ संकल्प भारत के निर्माण की महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान की। दिवंगत उद्योगपति, शिक्षाविद और जन कल्याण के महानायक डॉ. राजाराम जयपुरिया का स्मृति समारोह मनाने के लिए इस वार्षिक व्याख्यान का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष के व्याख्यान का विषय था ‘दूरदर्शी नेतृत्व से एक मजबूत और दृढ संकल्प भारत का निर्माणÓ और चिन्मय मिशन के वैश्विक प्रमुख स्वामी स्वरूपानंद ने यह व्याख्यान दिया।

सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल के विद्यार्थियों ने घंटे भर चले आयोजन जिसका आरंभ आह्वान समारोह से हुआ उसमें उपनिषद और भगवद गीता के श्लोकों का सस्वर पाठ किया। इसके बाद सेठ आनंदराम जयपुरिया ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन और फिक्की एराइज के चेयरमैन शिशिर जयपुरिया का स्वागत संबोधन हुआ। दूरदर्शी नेतृत्व को महत्वपूर्ण बताते हुए शिशिर जयपुरिया ने कहा, हमारी प्राचीन ज्ञान संपादा सभी क्षेत्रों में व्याप्त है। अध्यात्म से लेकर विज्ञान, कला, वाणिज्य, अर्थशास्त्र, राजनीतिक शासन और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में इसका अपना विशेष महत्व है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह सदी हमारे महान राष्ट्र की है। हमें सही मार्गदर्शक की आवश्यकता है जो हमें रास्ता दिखाए और इस तरह भारत राष्ट्र समूहों में सही स्थान बना कर गौरवशाली भारत बनेगा।
स्वामी स्वरूपानंद के संबोधन में उन्होंने हमारी समृद्ध विरासत का लाभ लेने और राष्ट्र सेवा में खुद को समर्पित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। राष्ट्र सेवा जगत स्वामी की सेवा है, उन्होंने कहा। भगवद गीता से भगवान कृष्ण को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा, हम उच्च लक्ष्य, उच्च दृष्टि, समर्पण के उच्च आधार पर काम करें तो किसी भी क्षेत्र, पेशे और विज्ञान के बारे में अधिक ज्ञान और गहन दृष्टि प्राप्त करेंगेे। हमारे सभी कार्य देश की प्रगति के लिए समर्पण की भावना से करें तो जो भी पढ़ेंगे, जो भी काम-काज करेंगे उसमें अपनी प्रगति के साथ देश, देशवासियों और यहां तक कि दुनिया के हित में काम करने का नजरिया रहेगा।

सेठ आनंदराम जयपुरिया ग्रुप के वाइस चेयरमैन साकेत जयपुरिया ने उपस्थित गणमान्य लोगों का धन्यवाद ज्ञापन किया। डॉ. राजाराम जयपुरिया स्मृति व्याख्यान 2019 में शुरू किया गया। राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर विमर्श और उनके बारे में जागरूकता बढ़ाना इसका लक्ष्य है। भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू ने नई दिल्ली में पहला व्याख्यान दिया। इसका विषय था। शिक्षा, उद्यमिता और नैतिकता।

भारत सरकार के माननीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, जहाजरानी मंत्री और एमएसएमई नितिन गडकरी ने दिसंबर 2020 में दूसरा वर्चुअल व्याख्यान दिया। इसका विषय था: अशांत समय में नेतृत्व की अहमियत। इस व्याख्यान की पहल सेठ आनंदराम जयपुरिया ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस ने की है। जो 16 के-12 स्कूलों, 5 प्रीस्कूलों, 2 प्रबंधन संस्थानों और एक शिक्षक प्रशिक्षण अकादमी का विशाल समूह है।