जनसंख्या इतनी ज्यादा, कैसे करें सही डॉक्टर का चयन?

-जानिए आपके लिए कौन सा डॉक्टर सही है बीमारी के लिए

गाजियाबाद। शरीर है तो बीमारी भी है इसलिए बीमारी से हम भाग नहीं सकते। जीवन भर हर बड़े-छोटे को किसी न किसी प्रकार की बीमारी से जूझना पड़ता है ऐसे में सवाल उठता है कि हम क्या करें क्या हम देसी नुस्खों से अपना इलाज करें या किसी डॉक्टर के पास दिखाने जाए। छोटी-मोटी बीमारियां और उनके लक्षण कई बार देसी नुस्खे से ठीक भी हो जाते हैं और हमारी जनसंख्या इतनी ज्यादा है की हिट एंड ट्रायल मेथड में यह पता नहीं चलता कि देसी नुस्खा किसके काम आ गया और किसको नहीं क्योंकि जिसके काम आ जाता है वह तो जरूर बताता है लेकिन जिसके काम नहीं आता उसे आगे डॉक्टर को दिखाने के लिए इलाज कराना पड़ता है और वह इसकी चर्चा नहीं करता। यह बातें शुक्रवार को डॉक्टर्स डे के अवसर पर यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी के कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन प्रमुख गौरव पांडेय ने कही। उन्होंने बताया डॉक्टरों की अभी हम बात करें तो मुख्य रूप से इंग्लिश दवाइयां एलोपैथी के डॉक्टर जिनकी डिग्री एमबीबीएस होती है, सबसे ज्यादा प्रचलन में है और जैसा कि हम सभी जानते हैं कि लक्ष्ण के अनुसार और बीमारी के अनुसार एलोपैथी से तुरंत आराम मिल जाता है। वही आयुर्वेदिक डॉक्टर या बीएएमएस डिग्री वाले डॉक्टर भी आयुर्वेद के साथ-साथ कुछ एलोपैथिक दवाओं से इलाज करते हैं।

किंतु बीयूएमएस यानी यूनानी दवाओं और बीएचएमएस यानी होम्योपैथी और बीईएमएस यानी इलेक्ट्रो होम्योपैथी डॉक्टरों को अंग्रेजी दवाइयां एलोपैथी की दवाओं से इलाज करना तर्कसंगत नहीं है। ऐसे में हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम कम से कम अपनी बीमारी के इलाज के लिए एमबीबीएस डॉक्टर के पास तो जाएं। बहुत सारे एमबीबीएस डॉक्टर फैमिली फिजिशियन और फैमिली डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस करते हैं। यदि एक बार या दो बार फैमिली डॉक्टर को दिखाने पर किसी बीमारी से आराम ना मिले तो हमें फिजीशियन से परामर्श लेना चाहिए जिनकी डिग्री एमबीबीएस के बाद एमडी या डीएनबी मेडिसिन में होती है।

कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन प्रमुख गौरव पांडेय ने बताया एमडी फिजिशियन डॉक्टर आपको डायग्नोसिस बनाने में काफी हद तक मदद करेंगे और आप की बीमारी यदि आगे बढ़ रही है तो उसे सही दिशा में सही डॉक्टर के को भेजने में आप को निर्देशित भी करेंगे। एमडी फिजिशियन के बाद उदाहरण के तौर पर यदि आपको पेट की समस्या है जिसमें दवाइयों से इलाज होना है तो वह आपको डीएम गैस्ट्रो के पास रेफर करेंगे और यदि ऐसी कोई समस्या है जिसने पेट की सर्जरी होनी है तो गैस्ट्रिक सर्जन जो एमएस सर्जरी और एमसीएच गैस्ट्रिक सर्जरी है उनके पास रेफर करेंगे।

इसी प्रकार से यदि आपको कोई नसों की या ब्रेन ट्यूमर की कोई बीमारी लगती है तो आपको एमडी डीएम न्यूरोलॉजिस्ट के पास रेफर करेंगे और यदि इससे संबंधित कोई सर्जरी होनी है तो एमएस एमसीएच न्यूरो सर्जन के पास आपको रेफर किया जाएगा। ज्यादातर एक ही डॉक्टर से लंबा इलाज देने की बजाय यदि हम सही समय पर उच्च श्रेणी के उच्च प्रशिक्षित और बीमारी के अनुरूप सही डॉक्टर का चयन कर ले तो हमें अपनी बीमारियों से जल्द निजात भी मिल सकती है और बहुत सारी उलझनों से बचा जा सकता है।