चाईल्ड डेडिकेटिड अस्पताल बनाने की तैयारियां तेज

-मेडिकल टीम के साथ डीएम ने की पहली मींटिग

गाजियाबाद। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को सुरक्षित रखने एवं समय से उपचार करने को जिला प्रशासन ने राम सरन गर्ग इंडो-जर्मन अस्पताल को चाईल्ड डेडिकेटिड अस्पताल बनाने की तैयारियां तेज कर दी है। इसी क्रम में जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने अस्पताल परिसर में गठित समिति (मेडिकल टीम) के साथ पहली बैठक आहूत की। बैठक में डीएम ने कहा कि इस अस्पताल में सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूर्ण ली जायें। सबसे पहले अस्पताल में ओपीडी सेवा शुरू की जाए। सीएमओ ने बताया कि अस्पताल में इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है, किंतु 60 बैड्स पर ऑक्सीजऩ आपूर्ति कम से कम 20-25 सिलेंडर स्टॉक में 24 घंटे उपलब्ध रहना आवश्यक है। इस पर डीएम ने कहा कि अस्पताल में उपलब्ध बैड्स एवं आईसीयू वाड्र्स का आंकलन कर लिया जाए और आवश्यकतानुसार ऑक्सीजऩ गैस की अस्पताल को निर्बाध सप्लाई सुनिश्चित करायी जाए। अस्पताल परिसर में ऑक्सीजऩ सप्लाई हेतु पाइप लाइन लगाने के भी निर्देश दिए गए। अस्पताल के मुख्य संरक्षक राकेश गर्ग ने बताया कि वह जल्द ऑक्सीजऩ पाइप लाइन लगवा लेंगे। डीएम ने कहा कि अस्पताल में बच्चों के उपचार के लिए एनीथीसिया के डॉक्टर, प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ इत्यादि की तत्काल सूची तैयार कराएं। मेडिकल एवं पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती एवं प्रशिक्षण इत्यादि का आंकलन 3 दिन में तैयार किया जाए। बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एनके गुप्ता, डॉ. मुंशीलाल अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, राम सरन गर्ग इडो-जर्मन अस्पताल के मुख्य संरक्षक राकेश गर्ग, अस्पताल की सीईओ डॉ. ज्योति, यशोदा अस्पताल के डॉ. आशीष प्रकाश, संतोष मेडिकल कॉलेज की डीन एवं प्रशासनिक समन्वयक खालिद अंजुम अपर नगर मजिस्टे्रट (प्रथम) उपस्थित रहे। बता दें कि जिला प्रशासन ने राम सरन गर्ग इंडो-जर्मन अस्पताल को चाईल्ड डेडिकेटिड अस्पताल बनाने के लिए एक मेडिकल समिति का गठन किया है, जिसके मुख्य संरक्षक जिलाधिकारी स्वयं है। यह समिति अस्पताल में सभी आवश्यक उपकरणों की स्थापना से लेकर उनके संचालक तक सभी दायित्वों का निर्वाह करेगी। इस अस्पताल में बच्चों के उपचार के लिए 60 बैड्स, 1-वैंटिलेटर तथा आईसीयू वार्ड जैसी सभी महत्वपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। यह अस्पताल जनपद का पहला बच्चों के लिए समर्पित अस्पताल होगा।