पंजाबी महासभा गाजियाबाद ने पीएम का जताया आभार

-प्रधानमंत्री का यह निर्णय साहिबजादों के साहस और न्याय के लिए उचित श्रद्धांजलि: देश राज

गाजियाबाद। सिक्ख धर्म के दशम गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के पुनीत पावन अवसर पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस वर्ष से 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा हुई। पंजाबी महासभा गाजियाबाद के अध्यक्ष देश राज देसी रतड़ा ने प्रधानमंत्री के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का यह निर्णय साहिबजादों के साहस और न्याय की उनकी तलाश के लिए एक उचित श्रद्धांजलि है।
पंजाबी महासभा गाजियाबाद के सभी चार संरक्षकों जगदीश साधना, महेश आहूजा, सुभाष छाबड़ा व गुलशन भम्बरी ने प्रधानमंत्री की इस घोषणा के बाद पंजाबी समाज की ओर से उनका आभार प्रकट किया। महामंत्री सतीश चोपड़ा ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों में पहली बार साहिबजादों की शहादतों को इतने व्यापक स्तर पर पहचान दिलाने का प्रधानमंत्री जी का यह प्रयास प्रशंसनीय है।
पंजाबी महासभा गाजियाबाद के महानगर कोषाध्यक्ष संजय रैना व मीडिया प्रभारी यशमीत सिंह ने साहिबजादों की शहीदी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 26 दिसंबर 1704 के दिन गुरुगोबिंद सिंह जी के दो साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को इस्लाम धर्म कबूल न करने पर सरहिंद के नवाब ने दीवार में जिंदा चिनवा दिया था। उनकी इस शहादत के लिए फतेहगढ़ साहिब में शहीदी जोड़ मेले का आयोजन हर वर्ष किया जाता है। गुरु साहिब के बाकी दो साहिबजादे बाबा अजीत सिंह व बाबा जुझार सिंह चमकौर के युद्ध मे 10 लाख की मुगल फौज से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस घोषित होने से ज्यादा से ज्यादा लोगो को देश में घटी इस महान ऐतिहासिक घटना से अपने असली इतिहास को जानने का मौका मिलेगा एवम शहीद हुए गुरु पुत्रों की शहादत से प्रेरणा मिलेगी।
यशमीत सिंह ने कहा भारत के 75 साल के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने सिख इतिहास की गरिमा को दुनिया तक पहुँचाने का काम किया है। 26 दिसंबर को हर साल वीर बाल दिवस मनाने से पूरा देश छोटे साहिबजादों की अद्वितीय शहादत को श्रद्धांजलि देगा।