75 साल के इतिहास में पहली बार सिक्ख समाज को मिला सम्मान: सरदार एसपी सिंह

-छोटे साहिबजादों की शहादत पर 26 दिसम्बर वीर बाल दिवस घोषित करने पर प्रधानमंत्री का सिक्ख समाज ने जताया आभार

गाजियाबाद। भारत के 75 साल के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने सिख इतिहास की गरिमा को दुनिया तक पहुँचाने का काम किया है। 26 दिसंबर को हर साल वीर बाल दिवस मनाने से पूरा देश छोटे साहिबजादों की अद्वितीय शहादत को श्रद्धांजलि देगा। मौलाना आजाद एजूकेशन फांउडेशन के उपाध्यक्ष सरदार एसपी सिंह ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का यह ऐतिहासिक फैसला है। अब हर 26 दिसंबर को छोटे साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह जी के त्याग और शहादत की याद में वीर बाल दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह साहेबजादों के अदम्य साहस और न्याय के लिए उनके संघर्ष के प्रति एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाशपर्व पर उनके छोटे साहिबजादों जिन्हें इस्लाम कबूल न करने पर सरहिन्द में जिन्दा नींव में चिनवा दिया गया था व माता गुजर कौर जी की शहादत को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए 26 दिसम्बर को प्रतिवर्ष वीर बाल दिवस मनाने के निर्णय का स्वागत करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सरदार एसपी सिंह ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इतिहास गवाह है कि सिक्ख गुरुओं व उनके अनुयायियों द्वारा मानवता व हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए अनेकों शहादतें दी गई थी। शाहादतों को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए वीर बाल दिवस की घोषणा के केन्द्र सरकार के इस फैसले का पूरा सिक्ख समाज हृदय से स्वागत कर रहा है। युवाओं को गुरुओं की व छोटे साहिबजादों की शहादत के इतिहास की जानकारी, आने वाली पीढ़ी को राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत होगी व उनको देशसेवा के लिये अन्याय के विरूद्ध लडऩे की शक्ति प्रदान करेगी। श्री सिंह ने कहा कि सिक्ख समाज द्वारा वीर बाल दिवस की माँग काफी समय से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के समक्ष रखी जा रही थी, जिसे राष्ट्र सेवा के रूप में प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया है। इससे पूर्व भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन करने के लिये कोरिडोर खोलने की, गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाशपर्व, अफगानिस्तान से आये सिक्खों को नागरिकता दिलाना व गुरु ग्रन्थ साहिब जी को पर्याप्त सम्मान देना, 84 के दंगाइयों को सजा दिलाने में मदद करना जैसे कार्यों की समाज से सराहना मिली है।