वसुंधरा जोन में टैक्स घोटाला, नहीं हुई 16 करोड़ की वसूली: सुनीता दयाल

जेम पोर्टल से कर्मचारी आपूर्ति के कार्य में निगम को होगा आर्थिक नुकसान
61 विज्ञापन कंपनियों पर लगभग 16 करोड़ की आरसी की वसूली के दिए निर्देश

गाजियाबाद। महापौर सुनीता दयाल ने एक बार फिर नगर निगम के वसुंधरा जोन क्षेत्र में किए गए टैक्स घोटाला उजागर किया है। महापौर जारी पत्र में कहा कि 61 विज्ञापन कंपनियों पर लगभग 16 करोड़ रुपए की आरसी जारी होने के बाद भी वसूली नहीं की गई। उन्होंने नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक को 16 करोड़ रुपए की वसूली जल्द कराने के निर्देश दिए है। महापौर ने कहा कि जेम पोर्टल से कर्मचारियों की आपूर्ति के कार्य में नगर निगम को आर्थिक नुकसान होगा। इसलिए जेेम पोर्टल से कर्मचारियों की भर्ती नहीं की जाएगी। उन्होंने वसुंधरा जोन की शिकायत पर जांच के निर्देश दिए है। दरअसल, महापौर सुनीता दयाल नगर निगम व शहर हित में लगातार निरीक्षण करने के साथ छापेमारी भी कर रही हैं। जिससे कि नगर निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कार्यशैली में सुधार आए।

इसके साथ ही सभी कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे।उन्होंने कहा कि जेम पोर्टल द्वारा कर्मचारियों की आपूर्ति की प्रक्रिया जो नगर निगम में अपनाई जा रही है।वह शासनादेश के अनुरूप नहीं हैं। इस प्रक्रिया से निगम को भारी आर्थिक नुकसान होगा।इसके लिए चार्टर्ड एकाउंटेंट एवं विधि विभाग से सलाह कर नई पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए है। महापौर का कहना है कि पूर्व में नगर निगम कार्यकारिणी बैठक में विज्ञापन कंपनियां का गंभीरता से मुद्दा उठाया गया था। विज्ञापन कंपनियों के खिलाफ नगर निगम द्वारा 61 आरसी लगभग 16 करोड़ की जारी की गई थी। मगर इनमें से किसी भी कंपनी से वसूली नहीं की गई। इससे निगम को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ निगम की छवि भी धूमिल हो रही हैं। इसके साथ ही शहर में प्रकाश व्यवस्था की लगातार शिकायत प्राप्त हो रही है।

महापौर ने स्ट्रीट लाइटों को ठीक करने की सामग्री एवं वार्डों में प्रकाश व्यवस्था के लिए स्ट्रीट लाइट खरीदने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए है।उन्होंने कहा कि त्योहारों से पहले कार्रवाई अमल में लाई जाए। उच्च गुणवत्ता एवं उच्च प्रकाश तीव्रता की लाइट होनी चाहिए। वसुंधरा जोन की एक शिकायत प्राप्त हुई है। इसमें वसुंधरा जोन में वर्ष-2022 में विभिन्न संपत्तियों का हाउस टैक्स कम करने का आरोप लगाया गया है। महापौर ने इन पत्रावलियों को सुरक्षित करने एवं जांच करने के निर्देश दिए है। जिससे कि पारदर्शिता एवं भरोसा नगर निगम पर लोगों का बना रहे।महापौर ने कहा कि नगर निगम के सभी विभाग पत्रावली देने में सहयोग करते हैं।मगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ.संजीव सिन्हा और इनके विभाग से ही फाइलों में हेरा-फेरी एवं फाइलों को देने में आनाकानी की जाती है। यह गंभीर विषय है।