कोरोना संक्रमण का भयानक रूप

गाजियाबाद। दोस्तों कोरोना कितना भयानक हो सकता है, यह मैंने कल अनुभव किया और स्वयं को बेहद असहाय पाया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल महानगर अध्यक्ष उदित मोहन गर्ग ने कहा मेरे एक परम मित्र जो दिल्ली के एक बड़े कारोबारी हैं, वो स्वयं, उनकी पत्नी तथा उनका पुत्र तीनों संक्रमित हैं, जिनमें से एक वेंटिलेटर पर है। मेरे मित्र के पुत्र की स्थिति गंभीर है और जिस अस्पताल में वो भर्ती हैं, पुत्र को किसी बड़े अस्पताल में दाखिल कराना है। कल मैंने और मेरे कुछ मित्रों ने पूरी ताकत लगा दी, किंतु किसी अस्पताल में एक आईस्ीयू का बेड नहीं मिल पाया। मेरे मित्र के शोरूम पर आने वाले ग्राहकों में मंत्री और सरकार के बड़े अधिकारी शामिल हैं, किंतु न तो पैसा काम आया और ना संबंध। ईश्वर से प्रार्थना है की उनके परिवार सहित देश के सभी लोगों पर अपनी कृपा बनाए रखें और कोरोना नाम की इस जानलेवा बीमारी से हम सबको जल्द छुटकारा मिले। उधर, दूसरी ओर करोना संक्रमण से प्रभावित लोग कुछ विशेष दवाइयों के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। पैसे जेब में हैं, लेकिन न तो दवाई मिल रही है एवं ना अस्पतालों में बेड। ऑक्सिजन की उपलब्धता की कमी है, ऐसा अख़बार बता रहे हैं। यह घटना आपको बताने के पीछे मेरा तात्पर्य केवल यही है की कोरोना इस बार बेहद विकराल रूप धारण कर चुका है। इसको किसी भी हालत में हलके में न लें। अपने लिए और अपने परिवार के लिए कृपया अनावश्यक घर से बाहर न निकलें। मास्क, दस्ताने अवश्य पहने रहें। हर समय सामाजिक दूरी अवश्य बनाए रखें। बार-बार हाथ धोते रहें। जो व्यापारी काउंटर पर बैठते हैं, उनसे निवेदन है की फेेस शील्ड जरूर पहनें। किसी भी ग्राहक को दुकान के अंदर प्रवेश न करने दें। दुनिया के लिए आप एक संख्या हो, लेकिन परिवार के लिए आप ही उनकी दुनिया हो। बेहतर होगा कुछ दिन के लिए बिल्कुल भी घर से बाहर न निकलें और ना किसी व्यक्ति को अपने ऑफि़स या घर बुलाएं। सरकार के भरोसे बिल्कुल ना रहें। हालात बेहद गंभीर हैं और अपनी रक्षा अब अपने हाथ में है। अगर ज़रूरत हो तो स्वयं अपनी मार्केट में जिम्मेदार लोगों से बात कर सामूहिक बैठक कर यह निर्णय लें। सभी मार्केट कुछ दिन के लिए बंद कर दें। मित्रों, मत भूलें जान है तो ज़हान है। कुछ दिन दुकान बंद करने से केवल पैसे का संकट होगा, लेकिन यदि जिंदा ही नहीं रहे तो पैसा किस काम आएगा। एक बार इस बात पर बहुत गंभीरता से सोचें।