फिर निरीक्षण पर निकले बीएसए, डयूटी से नदारद मिले 13 शिक्षक, अपनाया कड़ा रूख

शिक्षण कार्य में लापरवाही नही होगी बर्दास्त: बीएसए

गाजियाबाद। जिले के परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षकों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। बच्चों का भविष्य संवारने वाले शिक्षक यदि स्कूल से गायब रहेंगे, तो बच्चों का भविष्य कैसे बदलेगा। स्कूलों में तैनात शिक्षक विद्यालय अवधि में उपस्थिति पंजिका पर अपना हस्ताक्षर बनाकर स्कूल से गायब हो जाते हैं। एक ओर जहां सरकार परिषदीय स्कूलों शिक्षा व्यवस्था के सुधार को लेकर कार्य कर रही है। वहीं जिले के कुछ शिक्षक शिक्षा के मंदिर को अपना रोजगार बनाकर सरकार की आंख में धूल झोंकने का काम कर रहे है। सरकार की मंशा है कि यूपी के हर जिले में शत प्रतिशत बच्चे पढ़ाई से वंचित न रहें। उनके लिए सरकार से लेकर प्रशासन तक कवायद करने में जुटा है। वहीं, दूसरी ओर कुछ सरकारी स्कूलों का हाल यह है कि एक तो टीचर समय से स्कूल नहीं आते हैं। अगर आ भी जाए तो स्कूल में नही टिकते।

मगर इन शिक्षकों को सरकार से मिलने वाली अच्छी खासी सैलेरी की तारीख और समय जरुर याद रहता है। इस बात की पुष्टि जब हुई जब बीएसए के निरीक्षण में पांच सहायक अध्यापक स्कूल से अनुपस्थित पाए गए। अनुपस्थित शिक्षक स्कूल तो आए, मगर बीएलओ ड्यूटी का हवाला देकर स्कूल से निकल गए। जबकि उक्त सहायक शिक्षकों बीएलओ ड्यूटी के लिए 3 बजे मीटिंग रखी गई थी। लेकिन शिक्षकों ने बीएलओ ड्यूटी का हवाला देकर स्कूल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर समय से पहले ही निकल लिए। शायद इन शिक्षकों को बच्चों की शिक्षा से कोई मतलब नही है।

बुधवार सुबह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) विनोद मिश्रा स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए रजापुर ब्लॉक इन्द्रगढ़ी, यासीनगढ़ी, कम्पोजिट समेत पांच विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान 6 सहायक शिक्षक वंदना मदान, प्रिति अग्रवाल, रचना जैन, मिनाक्षी गुप्ता, किरन ध्यानी, हेड मास्टर फकर जहान विद्यालय से अनुपस्थित पाई गई। जब रजिस्ट्रर की जांच की गई तो उनकी उपस्थिति दर्ज थी और बीएलओ ड्यूटी का हवाला स्कूल से निकल लिए। जब उन्होंने हेड मास्टर से इसकी जानकारी मांगी तो वह जवाब देने में असमर्थ दिखाई दिए। बीएसए विनोद मिश्रा ने कहा कि जब बुधवार को तीन बजे बीएलओ की ड्यूटी प्रस्तावित थी, तो स्कूल टाइम में मीटिंग पर जाने का क्या उद्देश्य है। उन्होंने सभी शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। वहीं बीएसए ने शिक्षण व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने बच्चों से व्यवस्था के संबंध में सवाल पूछे। कक्षा पांच के छात्र-छात्राओं से पढ़ाई से संबंधित सवाल पूछे, जिनके सही जवाब मिलने पर पीठ थपथपाई।

वहीं बीएसए के निर्देश पर बीईओ दीपक कुमार ने मुरादनगर स्थित खिदौड़ा प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया जहां सहायक शिक्षिका नीतू त्यागी व शिक्षा मित्र याकूब अली, सुसील कुमार (डीसी कम्युनिटी) द्वारा मुरादनगर स्थित भदौली प्राथमिक विद्यालय में निरीक्षण के दौरान सहायक शिक्षिका नीलम गर्ग, बीईओ सर्वेश कुमार द्वारा मुरादनगर स्थित सुल्तानपुर प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा मित्र अन्नू, बीईओ प्रवीन कुमार द्वारा मुरादनगर स्थित फतेहपुर प्राथमिक विद्यालय में हेड मास्टर अदिति शर्मा, शिखाईडा हजारी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा मित्र त्रिप्ती शर्मा अनुपस्थित पाई गई। सभी शिक्षक, हेड मास्टर एवं शिक्षा मित्रों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा सरकार पैसा बच्चों की पढ़ाई के लिए देती है। ना कि बाहर घूमने के लिए। शिक्षण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नही की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर स्कूल टाइम में शिक्षक अनुपस्थित पाए गये तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विद्यालयों का निरीक्षण लगातार जारी रहेगा। सभी शिक्षकों को समय से स्कूल में पहुंचकर बच्चों को पढ़ाने का निर्देश दिया गया है जो शिक्षक अपने कार्यो के प्रति लापरवाही करते मिल रहे हैं उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है।

लापरवाह शिक्षकों की अब खैर नहीं
लापरवाह शिक्षकों की अब आफत आना तय है। आमतौर पर शिक्षा अधिकारी के औचक निरीक्षण के बाद शिक्षक पुन: पुराने ढर्रे पर लौट आते हैं। चूंकि दोबारा लापरवाही करने पर उन पर कोई नजर नहीं रखी जाती है, मगर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विनोद मिश्रा ने लंबे समय से चली आ रही इस परिपाटी को बदलने पर ध्यान दिया है। वह समय-समय पर प्राथमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों का औचक निरीक्षण करते रहेंगे। ऐसे में लापरवाह शिक्षकों की खैर नहीं होगी। उनके खिलाफ विभागीय स्तर पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।