भाजपा से अतुल गर्ग, कांग्रेस से डॉली शर्मा के बीच होगा मुकाबला! बसपा ने नहीं खोले हैं पत्ते

गाजियाबाद। लोकसभा चुनाव के चलते जनपद में दूसरे चरण में आगामी 26 अप्रैल को होने वाले चुनाव से पहले फिलहाल दो राष्ट्रीय पार्टी ने अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। भारतीय जनता पार्टी ने इस बार बाहरी से किनारा करते हुए वर्तमान में शहर विधायक अतुल गर्ग को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने दूसरी बार फिर से डॉली शर्मा को लोकसभा प्रत्याशी बनाया है। बहुजन समाज पार्टी ने फिलहाल पत्ते नहीं खोले है। उम्मीद है कि जल्द ही बसपा सुप्रीमो लोकसभा प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर देंगी। गुरुवार से नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया भी कलेक्ट्रेट परिसर में शुरू हो गई है। हालांकि पहले दिन निर्दलीय समेत 4 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किए। खास बात यह है कि इस बार भाजपा प्रत्याशी अतुल गर्ग व कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा के बीच मुकाबला होगा। भाजपा प्रत्याशी अतुल गर्ग जहां पुराने मंझे हुए खिलाड़ी है, वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा को तीन बार चुनाव लड़ने का अच्छा अनुभव प्राप्त हैं। बसपा से प्रत्याशी के नाम की घोषणा होने के बाद चुनाव की बहुत कुछ तस्वीर बदलेेगी। फिलहाल बसपा की ओर से प्रत्याशी के नाम की घोषणा होना बाकी है। दरअसल, लोकसभा के पिछले आठ चुनावों में भाजपा ने सात चुनावों में बाहरी प्रत्याशियों पर ही दांव लगाया।

रमेश चंद तोमर के बाद अतुल गर्ग दूसरे ऐसे प्रत्याशी हैं जो गाजियाबाद के मूल निवासी हैं। वह योगी सरकार में लगातार दूसरी बार विधायक हैं। वर्ष-2017 में पहली बार विधानसभा जीतने के बाद उन्हें प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली थी। लगातार दो बार सांसद रहे जनरल वीके सिंह का टिकट काटकर भाजपा ने अतुल गर्ग को प्रत्याशी बनाया है। वीके सिंह की चुनाव न लडऩे की घोषणा के बाद अतुल गर्ग को भाजपा ने टिकट दिया है। अतुल गर्ग का कहना है कि भाजपा के केंद्रीय संगठन ने उन पर जो भरोसा जताया है उस पर वह पूरी निष्ठा के साथ काम करेंगे। चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करेंगे और जीतकर पार्टी को मजबूत करेंगे। वहीं, कांग्रेस ने लोकसभा सीट पर ब्राह्मण समाज से डॉली शर्मा को प्रत्याशी बनाते हुए भरोसा जताया है। यह राष्ट्रीय प्रवक्ता है। वर्ष-2019 में भी कांग्रेस ने टिकट दिया था। हालांकि वह तीसरे नंबर पर रही थीं। डॉली शर्मा ने एमबीए किया है।

कांग्रेस के पूर्व महानगर अध्यक्ष नरेंद्र भारद्वाज की बेटी हैं। उन्होंने वर्ष-2017 में राजनीति में कदम रखा। पार्टी ने उन पर भरोसा जताते हुए महापौर प्रत्याशी भी बनाया था। मगर वह भाजपा की प्रत्याशी आशा शर्मा से चुनाव हार गई थी। गाजियाबाद लोकसभा सीट की बात करें तो अब तक 16 बार चुनाव हो चुके हैं, पहली बार वर्ष-1962 में कांग्रेस प्रत्याशी कमला चौधरी यहां से जीती थीं। उसके बाद कोई महिला उम्मीदवार इस सीट पर जीत दर्ज नहीं करा सकी। भाजपा ने अभी तक किसी भी महिला को लोकसभा का टिकट नहीं दिया। भाजपा और कांग्रेस-सपा गठबंधन प्रत्याशी की घोषणा होने के बाद अब बसपा के प्रत्याशी के नाम पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।उम्मीद है कि बसपा भी जल्द प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर देगी।