व्यापारियों की मुख्यमंत्री से मांग, कोरोना काल का बिजली बिल हो माफ

-विभिन्न मांगोंं को लेकर राज्यसभा सांसद को सौंपा ज्ञापन

गाजियाबाद। कोरोना संक्रमण की दुसरी लहर चलते हुए लॉकडाउन से व्यापार पर ताला लगा हुआ था। उत्पादन बंद है, मगर सरकारी आदेशों के अनुपालन में कर्मचारियों को वेतन भुगतान करना है। इधर, बिना लाभ कमाए बंद पड़ी दुकानों के भारी-भरकम बिजली बिल का भुगतान भी व्यापारियों के माथे की शिकन बढ़ा रहा है। दुकानें बंद होने के चलते वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। बिजली का उपयोग भी नहीं किया। लेकिन सरकार की ओर से बिजली के बिल भेज दिए गए हैं, जिन्हें भरने में इन दिनों असमर्थ हो गए हैं। शनिवार को अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल से जुड़े व्यापारियों ने राज्यसभा सांसद डॉ अनिल अग्रवाल से मुलाकात कर समस्याओं से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा। संगठन के जिलाध्यक्ष संदीप बंसल के नेतृत्व में व्यापारियों की ओर से मुख्यमंत्री से कोरोना काल और लॉकडाउन के देखते हुए राहत दिलाने की मांग की गर्ई। जिलाध्यक्ष संदीप बंसल ने कहा 14 माह से बाजार कोरोना वायरस की बंदिशों के चलते पूरी तरह धराशाही हो चुका है। दुकानें बंद होने के बाद भी व्यापारियों की दुकानों का बिजली बिल हजारों का आ रहा है। कोरोना के आर्थिक रूप से कमजोर हो चुका व्यापारी बिजली बिल जमा करने में असमर्थ है। वैश्विक महामारी में जिन व्यापारियों की मौत हुई है, उन्हें दुर्घटना बीमा राशि के तौर पर दस लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए। जिन व्यापारियों पर धारा-188 के तहत मुकदमें दर्ज किए गए, उन्हें मुकदमें वापस लिए जाए। अन्य दिनों की तरह शनिवार और रविवार को भी बाजारों को खोलने की अनुमति दी जाए। लॉकडाउन के कारण मध्यम वर्ग के व्यापारियों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। इसके बाद भी बड़े व्यापारियों एवं मध्यम वर्गीय व्यापारियों ने सरकार के साथ मिलकर कोविड-19 महामारी में मरीजों की मदद की है। साथ ही नगर निगम की ओर से 15 प्रतिशत हाउस टैस बढ़ोत्तरी करने के फैसले को भी वापस लेने की मांग की। जिलाध्यक्ष संदीप बंसल ने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन के कारण व्यापार बुरी तरह प्रभावित रहा। इस दौरान अनिल गर्ग, दीपक गर्ग, प्रेम प्रकाश चीनी, अमन शिशौदिया, नानक गोस्वामी, संजय गुप्ता, विनोद अग्रवाल, संजय बिंदल, हेमंत सिंघल, मनीष सिंह, जगमोहन आदि शामिल थे।