आईटीएस डेन्टल कॉलेज में मनाया गया विश्व ऑर्थोडॉन्टिक्स दिवस

मुरादनगर। मेरठ रोड़ स्थित आईटीएस डेंटल कॉलेज मुरादनगर में ऑर्थोडॉन्टिक्स एण्ड डेंटोफेशियल ऑर्थोपेडिक्स विभाग द्वारा विश्व ऑर्थोडॉन्टिक्स दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत ऑर्थोडॉन्टिक्स विभाग की एचओडी डॉ पायल शर्मा के स्वागत भाषण से हुई। जिसमें उन्होंने सभी गणमान्य अतिथि एवं प्रतिभागियों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिये धन्यवाद दिया।

डॉ पायल शर्मा ने बताया ऑर्थोडॉन्टिक्स इलाज दो तरीकों जिसमें अस्थायी अप्लायंस और स्थायी अप्लायंस से होता है। अस्थायी अप्लायंस में मरीज दांत अपनी सुविधानुसार निकाल व लगा सकता है। हालांकि, इसमें कुछ ही समस्याओं का इलाज संभव है। जबकि स्थायी अप्लायंस में दांतों के बाहरी व भीतरी सतह पर तार लगाए जाते हैं जिसे मरीज निकाल नहीं सकता। यह मेटल व दांत के रंग के ही होते हैं।

चेहरे की बनावट दांत और जबड़े पर निर्भर करती है। इस कारण अगर दांत व जाबड़ा टेढ़ा-मेढ़ा हो तो इसे छिपाया नहीं जा सकता है। इसका शारीरिक और मानसिक दोनों ही प्रभाव पड़ता है। मौजूदा तकनीक से अब किसी भी आयु में इसका इलाज हो सकता है लेकिन सही आयु तब है जब बच्चा सात से आठ साल का हो। इसी आयु में सटीक इलाज होता है। इस अवसर पर विश्व की सबसे उन्नत क्लियर एलाइनर सिस्टम, इनविजलाइन की क्लीनिकल सपोर्ट टीम ने संस्थान की सभी फैकल्टी एवं छात्रों के लिये एक व्याख्यान प्रस्तुत किया। जिसमें उन्होंने एलाइन तकनीक और उपचार योजना की प्रक्रिया और अनुक्रम एवं उनके वैश्विक मामलों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम का उद्देश्य सभी प्रतिभागियों का मार्गदर्शन तथा उनके अनुभव को बढ़ाना और उनमें सकारात्मक उर्जा प्रदान करना था। इसके साथ ही स्माईल एंड ब्रेसेस विषय पर इंस्टाग्राम रील प्रतियोगिता जैसी कुछ मजेदार गतिविधियों का आयोजन भी किया गया, जिसमें 100 से अधिक बीडीएस और इंटर्न छात्रों ने भाग लिया। अंत मे विजेता छात्रों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। सफल कार्यक्रम के आयोजन के लिये सभी प्रतिभागियों ने आईटीएस-द एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन, डॉ आरपी चड्ढा तथा वाईस चेयरमैन अर्पित चड्ढा का आभार प्रकट किया।