अवैध निर्माण के खिलाफ अब बिना रूकेगा गरजेगा जीडीए का बुलडोजर

गाजियाबाद। अवैध निर्माण के खिलाफ जीडीए ने प्रभावी रणनीति को आत्मसात कर लिया है। इसके तहत अवैध निर्माण से निपटने के लिए लिए अब निरंतर बुलडोजर चलाया जाएगा। यानी भू-माफिया को संभलने का मौका कतई नहीं मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा को भांपकर जीडीए ने भू-माफिया को मुंहतोड़ जबाव देने का मन बना लिया है। जीडीए उपाध्यक्ष कृष्णा करूणेश के निर्देश पर मातहतों ने इस संबंध में पूरी तैयारी कर ली है। जीडीए सीमा क्षेत्र में अवैध रूप से होने वाले निर्माण पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। फ्लैट अथवा मकान हो या खेत खरीद कर अवैध तरीके से प्लॉटिंग करने का मामला, सभी मामलों में प्राधिकरण सख्त रूख अपनाने को तैयार है। वहीं, जीडीए द्वारा मार्च में बिल्डरों से लेकर अन्य लोगों द्वारा स्वीकृत नक्शे से अधिक किए अवैध निर्माण करने वालों से 7.50 करोड़ रुपए से अधिक का शमन शुल्क वसूला गया है। जीडीए के अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने सभी 8 जोन के प्रवर्तन प्रभारी, सहायक अभियंता एवं अवर अभियंता के साथ बैठक कर साफ निर्देश दिए कि जीडीए सीमा क्षेत्र में अवैध निर्माण व अवैध प्लॉटिंग पर प्रभावी तरीके से कार्रवाई की जाए। अवैध निर्माण एवं प्लॉटिंग किसी भी रूप में न होने पाए। जीडीए के सभी 8 जोन क्षेत्र में जहां पर अवैध निर्माण एवं प्लॉटिंग मिलती है तो नोटिस जारी कर तत्काल सीलिंग की कार्रवाई करने के बाद अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जाए। अपर सचिव त्रिपाठी ने बताया कि इसमें लापरवाही करने और प्रभावी कार्रवाई नहीं किए जाने पर संबंधित अवर अभियंता के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि सभी जोन क्षेत्र में स्वीकृत मानचित्र से अधिक निर्माण करने वालों से मार्च माह में 7.50 करोड़ रुपए से ज्यादा का शमन शुल्क के रूप में जमा कराया गया। उन्होंने सभी जोन के अवर अभियंता को शमन शुल्क में बढ़ोतरी पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए ताकि स्वीकृत मानचित्र से अधिक निर्माण पर शमन शुल्क वसूला जा सके। ऐसे निर्माण को तत्काल शमन कर शुल्क जीडीए कोष में जमा कराया जाए। इसके लिए सभी अवर अभियंता अपने-अपने क्षेत्र का नियमित भ्रमण करें और सुनिश्चित करें कि कोई भी नया निर्माण स्वीकृत मानचित्र के अनुरूप हो। उन्होंने प्रवर्तन प्रभारियों को निर्देश दिए कि वह अपने जोन के अवर अभियंताओं की कार्यशैली की नियमित मॉनिटरिंग करें। बिल्डरों द्वारा प्रोजेक्ट का संपूर्ण प्रमाण पत्र लेने के बाद ही खरीदारों को गु्रप हाउसिंग सोसायटी में कब्जा दिलाया जाए।