हाथरस केस : सीजेआई से हस्तक्षेप की दरकार

महिला वकीलों का सुप्रीम कोर्ट को खत, पुलिस पर उठाए सवाल

उदय भूमि ब्यूरो
नई दिल्ली। हाथरस में गैंगरेप के बाद युवती की हत्या का मामला गरमा गया है। इसके चलते उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मुश्किलों में घिर गई है। 47 महिला वकीलों ने इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और कोलेजियम के सदस्य जजों को पत्र लिखा है। पत्र में इस केस की त्वरित सुनवाई कर सभी आरोपियों को सख्त सजा देने की अपील की गई है। बता दें कि यूपी के हाथरस जनपद में विगत 14 सितम्बर को 4 युवकों ने 19 वर्षीय दलित युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किया था। युवती अपनी मां के साथ खेत में चारा लेने गई थी। बाद में पीडि़ता को जवाहर लाल नेहरू मेडिकल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। हालत में सुधार न होने पर पीडि़ता को दिल्ली के सफरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया गया। जहां इलाज के दरम्यान गत 29 सितम्बर को युवती ने दम तोड़ दिया था। अब 47 महिला वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और कोलेजियम के सदस्य जजों को पत्र लिखकर इस केस की जल्द सुनवाई करने और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। पत्र में लापरवाह पुलिस-प्रशासनिक कर्मचारियों के साथ-साथ चिकित्सा अधिकारियों, साक्ष्यों से छेड़छाड़ के दोषियों खिलाफ फौरी एक्शन लेने की अपील की गई है। महिला अधिवक्ताओं ने उम्मीद जाहिर की है कि सुप्रीम कोर्ट इस प्रकरण में तुरंत हस्तक्षेप करेगा। पत्र में हाथरस पुलिस के रवैये पर भी सवाल उठाए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि पुलिस अफसरों ने पीडि़त परिवार की सहमति के बिना मृतका के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। उधर, पीडि़ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों के पैनल द्वारा पोस्टमार्टम किया गया था। रिपोर्ट में युवती की मौत का कारण गले की हड्डी टूटना बताया गया है। रिपोर्ट बताती है कि बार-बार गला दबाने से हड्डी टूटी थी। गले पर चोट के निशान भी मिले हैं। रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नहीं की गई है।