गंगा को स्वच्छ एवं अविरल बनाने के लिए आएगा कानून, हरकत में सरकार

विधेयक के मसौदे पर काम जोरों पर, मंत्रिमंडल से ली जाएगी अनुमति

उदय भूमि ब्यूरो
नई दिल्ली। गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त रखने में सफलता नहीं मिल पाई है। ऐसे में केंद्र सरकार भी काफी चिंतित है। गंगा को साफ-सुथरा रखने के लिए राष्ट्रीय गंगा नदी पुनरुद्धार, संरक्षण एवं प्रबंधन विधेयक के मसौदे पर काम चल रहा है। नए कानून के आने से इस कार्य में कामयाबी मिलने की उम्मीद है। गंगा नदी के संरक्षण के लिए प्रस्तावित कानून के मसौदे पर काम जारी है। इस संदर्भ में विभिन्न मंत्रालयों, संबंधित प्राधिकार एवं विभागों से चर्चा कर प्रतिक्रिया प्राप्त की गई है। अब इन मंत्रालयों एवं विभागों की टिप्पणियों को समाहित कर पुन: मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। तदुपरांत यह विधेयक मंत्रिमंडल की अनुमति के लिए भेजा जाएगा। गंगा नदी से करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी है। पूर्ववर्ती जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने गंगा की निर्मलता और अविरलता को बनाए रखने हेतु कुछ साल पहले इस विधेयक के मसौदे को तैयार करने के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) गिरिधर मालवीय की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। कमेटी ने इस विधेयक का मसौदा मंत्रालय को सौंप दिया था। मालवीय ने इस बावत पूछे जाने पर बताया कि प्रस्तावित विधेयक के मसौदे में इस बात का व्यापक उल्लेख है कि गंगा नदी को कैसे सुरक्षित रखा जाए। गंदगी से कैसे निपटा जाए, जल का प्रवाह कैसे बरकरार रखा जाए। इसमें नदी की संपूर्ण निगरानी व्यवस्था का खाका है। विधेयक की मौजूदा स्थिति के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उधर, मंत्रिमंडल से विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद धरातल पर काम तेज होने की उम्मीद की जा रही है। फिलहाल विधेयक के मसौदे पर फोकस किया गया है।