World Dairy Summit 2022 महिला शक्ति ने दिखाई सफलता की राह, 11 महिलाओं ने मिलकर बनाई मिल्क प्रोड्यूशर कंपनी

राजस्थान की महिला शक्ति का कमाल। राजस्थान के पाली जिले में 11 महिलाओं ने मिलकर एक समूह बनाया गया। इस समूह द्वारा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी का संचालन किया जा रहा है और कंपनी का सालाना टर्नओवर 160 करोड़ रुपये है। वर्ल्ड डेयरी समिट में आने वाले लोगों को राजस्थान की महिलाओं द्वारा लगाया गया स्टाल काफी आकर्षित कर रहा है।

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। महिला शक्ति किस तरह से देश की तरक्की में योगदान देते हुए सफलता की राह चल सकती है। इसकी मिशाल राजस्थान की महिलाओं का वह दल है जिसने डेयरी इंडस्ट्री में एक आयाम गढ़े हैं। राजस्थान के पाली जिले में 11 महिलाओं ने मिलकर एक समूह बनाया गया। इस समूह द्वारा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी का संचालन किया जा रहा है और कंपनी का सालाना टर्नओवर 160 करोड़ रुपये है। वर्ल्ड डेयरी समिट में आने वाले लोगों को राजस्थान की महिलाओं द्वारा लगाया गया स्टाल काफी आकर्षित कर रहा है।


इंडिया एक्सपो मार्ट में चल रहे वर्ल्ड डेयरी समिट आशा महिला मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी का स्टाल लगा है, जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। राजस्थान के पाली जिले में 2016 में टाटा ट्रस्ट का धानी फाउंडेशन व राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के द्वारा महिलाओं का एक समूह बनाया गया। जिसके द्वारा संचालित कंपनी आशा महिला मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी है। इस कंपनी ने गांव में गाय भैंस का दूध का व्यवसाय करने वाली महिलाओं को जोड़कर समूह बनाया गया। जिसमें महिला के नाम पर बैंक में खाता खुलता है और दूध का पैसा महीने में तीन बार महिला के खाते में आता है। जिसका सालाना टर्नओवर 160 करोड़ का है। यह समूह महिला सशक्तिकरण व महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है।

वर्ल्ड डेयरी समिट में दो संगठन सखी और आशा क्रमश: अलवर और उदयपुर क्षेत्रों की ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाई गई हैं। जबकि चार उत्पादक संगठनों में सबसे बड़ा पायस जयपुर के गुलाबी शहर से है। आशा की चेयरपर्सन कन्या ने शिखर सम्मेलन में कहा कि हम सही मायने में खुद को एक बदलाव एजेंट के रूप में स्थापित करेंगे और राजस्थान और अपने देश भर में डेयरी क्षेत्र की सभी महिलाओं की प्रेरणा लिए भी खड़ी रहूंगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण महिलाएं दुनिया को सामूहिक प्रयास की ताकत दिखाने के लिए एक साथ आई हैं। किसी ने यह कभी नहीं सोचा था कि हम समाज में एक सामाजिक और आर्थिक स्थिति तक पहुंच सकते हैं। हमारी महिला केवल दूध उत्पादक संगठन में ही आगे नहीं हैं इसके अलावा मैं मरुधारा के उत्पादों जो रेगिस्तान में एक मरुउद्यान का प्रतीक है उसे भी सभी के सामने लाती हूं। आशा के मुख्य कार्यकारी धर्मेंद्र मलिक ने कहाए श्न्यू लॉन्च की गई मरुधरा पनीर और मरुधरा दही को उदयपुर और उसके आसपास संस्था से जुड़ी महिला डेयरी किसानों से सीधे खरीदे गए दूध से बनाया जाएगा और इस दूध से बनाये गए नए उत्पाद उदयपुर, पाली, सिरोही, जालौर आदि क्षेत्रों में भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

सखी की अध्यक्ष मंजीत कौर ने कहा कि राजस्थान के पिछड़े मेवात क्षेत्र के 4 जिलों के 800 गांवों से लगभग 40000 लोगों से हर दिन 150000 लीटर दूध एकत्र किया जायेगा और दूध उत्पादन में गांव की ताकत को एक साथ जोड़कर हर दिन हजारों ग्राहकों तक दूध पहुंचने के लिए मार्केटिंग आउटरीच मेंए सखी ने मोबाइल वेंडिंग मशीनों पर कई साहसिक कदम उठाए हैं। जो अलवर के नागरिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाले दूध केक के लिए प्रसिद्ध है। पायस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आरके सिंह ने कहा कि पायस राज्य का सबसे पुराना उत्पादक है। पायस की प्रगतिशील अध्यक्ष ममता चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वैश्विक डेयरी उद्योग के सामने देश में दूध उत्पादन में महिलाओं के योगदान की सराहना की है। हम खुशी से अभिभूत हैं की राज्य डेयरी सेक्टर में तेजी से विकास कर रहे हैं और डेयरी किसानों के ध्वजवाहक बनना हमारी डेयरी सेक्टर के लिए सम्मान की बात होगी।