हरियाली में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र नंबर- 1 मास्टर प्लान-2041 में औद्योगिक क्षेत्र के साथ बढ़ेगा ग्रीन एरिया

मास्टर मास्टर-2041 में औद्योगिक क्षेत्र का दायरा बढ़ा दिया गया है। औद्योगिक क्षेत्र को पहले के मुकाबले दोगुना कर दिया गया है। यानी भविष्य में औद्योगिक एरिया बढ़ने के साथ-साथ निवेश एवं रोजगार में भी वृद्धि होगी। मास्टर प्लान में ग्रीन सिटी भी प्रस्तावित की गई है। औद्योगिक क्षेत्र में भरपूर हरियाली का भी इंतजाम होगा।

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र में भविष्य में औद्योगिक बहार देखने को मिलेगी। मास्टर मास्टर-2041 में औद्योगिक क्षेत्र का दायरा बढ़ा दिया गया है। औद्योगिक क्षेत्र को पहले के मुकाबले दोगुना कर दिया गया है। यानी भविष्य में औद्योगिक एरिया बढ़ने के साथ-साथ निवेश एवं रोजगार में भी वृद्धि होगी। मास्टर प्लान-2041 को यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक से भी स्वीकृति मिल चुकी है। मास्टर प्लान में ग्रीन सिटी भी प्रस्तावित की गई है। औद्योगिक क्षेत्र में भरपूर हरियाली का भी इंतजाम होगा। इसके लिए यमुना प्राधिकरण स्तर पर आवश्यक कदम कदम उठाए जाएंगे। यमुना प्राधिकरण का मास्टर प्लान-2041 बोर्ड बैठक से मंजूर हो चुका है।

मास्टर प्लान में औद्योगिक क्षेत्र होगा दोगुना
स्वीकृत मास्टर प्लान को जल्द राज्य सरकार को भेजा जाएगा। मास्टर प्लान में पहली बार हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को नए भू उपयोग की श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा मास्टर प्लान में औद्योगिक क्षेत्र को दोगुना कर दिया गया है। नए मास्टर प्लान में 32167 हेक्टेयर क्षेत्र प्रस्तावित किया गया है। यमुना प्राधिकरण ने मार्स र्कपनी से मास्टर प्लान-2041 को तैयार कराया है। मास्टर प्लान-2041 को यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में विचारोपरांत मंजूरी दे दी गई है। मास्टर प्लान में अब राज्य सरकार को भेजा जाएगा। प्रदेश सरकार के अनुमोदन के बाद इसे एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को भेजा जाएगा। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।

ग्रीन बफर जोन में वाटर बॉडीज को संरक्षित किया जाएगा
मास्टर प्लान-2041 में 32167 हेक्टेयर एरिया प्रस्तावित किया गया है। मास्टर प्लान में ग्रीन सिटी भी प्रस्तावित की गई है। इसके अलावा पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में बस, साइकिल ट्रैक, पाथवे आदि प्रस्तावित हैं। जेवर एयरपोर्ट के आस-पास लॉजिस्टिक सुविधा विकसित करने की बात कही गई है। ग्रीन बफर जोन में वाटर बॉडीज को संरक्षित किया जाएगा। एयरपोर्ट के आस-पास शहर विकसित करने की प्लानिंग की गई है। औद्योगिक इकाइयों में काम करने वालों के लिए सस्ते मकान भी प्रस्तावित किए गए हैं।