ईस्टन पेरीफेरल और यमुना एक्सप्रेस-वे को लिंक करने की अड़चन दूर

यमुना प्राधिकरण ने हल की 2 साल पुरानी परेशानी, अगस्त से शुरू होगा काम

ग्रेटर नोएडा। सफर की दृष्टि से बेहद अहम ईस्टन पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे को लिंक किया जाना है। इसके लिए इंटरचेंज का काम अगस्त से आरंभ हो जाएगा। इंटरचेंज में किसानों की वजह से रूकावट उत्पन्न हो रही थी। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने इस रूकावट को भी दूर कर दिया है। 64.7 प्रतिशत का अतिरिक्त मुआवजा न मिलने के कारण किसानों के विरोध की वजह से इंटरचेंज का काम रूका पड़ा था। अगले 10 दिन में यमुना प्राधिकरण की तरफ से कृषकों को रकम का भुगतान कर दिया जाएगा। तदुपरांत इंटरचेंज निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा।

 

 

इंटरचेंज निर्माण के लिए लगभग दो साल पहले टेंडर फाइनल कर दिया गया था, मगर विवाद का पटाक्षेप न होने से काम शुरू नहीं हो पाया था। यमुना एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे को लिंक करने के लिए इंटरचेंज निर्माण की जरूरत महसूस की गई थी। यमुना प्राधिकरण ने इसके लिए करीब दो साल पहले टेंडर भी फाइनल कर दिया था। इंटरचेंज निर्माण पर 80 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। प्रोजेक्ट का डिजाइन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने तैयार किया है। संबंधित भूमि यमुना प्राधिकरण के कब्जे में है, मगर किसानों को 64.7 प्रतिशत का अतिरिक्त मुआवजा नहीं मिलने के कारण काम आरंभ नहीं हो सका था।

जिस इंटरचेंज जमीन पर बनना है, वह गांव जगनपुर अफजलपुर के किसानों की है। यहां के 125 खसरा नंबर में करीब 300 किसानों को मुआवजा दिया जाना है। अगले 10 दिन में मुआवजा वितरण का काम हो जाएगा। इसके बाद काम शुरू हो जाएगा। इसको बनाने में छह माह से अधिक का समय लगेगा। इस इंटरचेंज को बनाने में 57 हेक्टेयर जमीन लगेगी। इसमें से करीब 17 हेक्टेयर जमीन जेपी कंपनी की थी। इसको करीब दो साल पहले यमुना प्राधिकरण ने ली ली थी। पूरी जमीन प्राधिकरण के कब्जे में है। लेकिन अतिरिक्त मुआवजा नहीं बंटने से यह काम रुका हुआ था।

अब इंटरचेंज के काम में तेजी आएगी। आगरा की ओर से यमुना एक्सप्रेसवे से आने वाले वाहनों को हरियाणा जाने के लिए जीरो प्वाइंट से वापस सिरसा से ईस्टर्न पेरिफेरल पर जाना पड़ता है। इसी तरह हरियाणा से मालवाहक या सामान्य वाहन भी सिरसा उतरने के बाद परी चौक होते हुए जीरो प्वाइंट से आगरा जाने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर आते हैं। इससे दोनों रूट के वाहनों को करीब 20 किमी का चक्कर काटना पड़ता है। इसमें काफी समय भी लगता है। इंटरचेंज बनसे वाहन चालक सीधे यमुना एक्सप्रेसवे से पेरिफेरल पर आ-जा सकेंगे।

ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे को लिंक करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। यह कार्य अगस्त से शुरू करा दिया जाएगा। प्रोजेक्ट से प्रभावित किसानों को दस दिन में अतिरिक्त मुआवजा राशि प्रदान कर दी जाएगी। इसके बाद काम आरंभ हो जाएगा।
डॉ. अरुणवीर सिंह
सीईओ
यमुना प्राधिकरण