मेडिकल डिवाइस पार्क : सीएम के पसंदीदा प्रोजेक्ट में निवेशकों की रूचि, 136 भूखंडों के लिए 176 आवेदन

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र में प्रस्तावित मेडिकल डिवाइस पार्क प्रोजेक्ट को अभी से अच्छा रेस्पांस मिल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में शुमार यह प्रोजेक्ट अब कारोबारियों को खूब पसंद आ रहा है। प्रोजेक्ट में निवेश करने के लिए बंपर आवेदन आने लगे हैं। मेडिकल डिवाइस पार्क प्रोजेक्ट में 136 भूखंडों का आवंटन होना है। इसके लिए 176 आवेदन आए हैं। इससे साफ है कि यह प्रोजेक्ट लोकप्रिय हो रहा है। 22 जुलाई को स्कीम के लिए ड्रा कराया जाना है। इस प्रोजेक्ट में केंद्र एवं प्रदेश सरकार का भी अंशदान होगा। केंद्र द्वारा 100 करोड़ रुपए का व्यय किया जाएगा।

देश में दवा कारोबार और मेडिकल उपकरण की कमी को दूर करने में मेडिकल डिवाइस पार्क अहम भूमि निभाएगा। प्रोजेक्ट परिसर में 13 कॉमन फैसिलिटी सेंटर का निर्माण किया जाएगा। वहां कारोबार स्थापित करने वाली कंपनियां इन सुविधाओं का भरपूर लाभ उठा सकेंगी। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-28 में उत्तर भारत का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित किया जाना है। यह प्रोजेक्ट कुल 350 एकड़ में विकसित होगा। पहले चरण में 110 एकड़ में योजना लॉन्च की गई है। इसमें 136 भूखंड हैं। इसमें 1000 वर्ग मीटर से लेकर 4000 वर्ग मीटर तक के भूखंड हैं। मेडिकल उपकरण निर्माता कंपनियों को भूखंड आवंटित किए जाने हैं। मेडिकल डिवाइस पार्क में 92648 वर्ग फीट में 13 फैसिलिटी सेंटर बनाए जाएंगे।

जिन पर करीब 106 करोड़ रुपये खर्च होंगे। करीब 80 करोड़ रुपये सेंटर में लगने वाले उपकरणों पर खर्च किए जाएंगे। मेडिकल डिवाइस पार्क में आने वाली कंपनियों को तमाम तरह की सुविधाएं दी जाएंगी। यहां आने वाली कंपनी अगर मशीनरी के लिए ऋण लेती है, तो उसे हर साल दो करोड़ तक का ब्याज सरकार वहन करेगी। यह सुविधा 10 साल तक मिलेगी। कंपनी को एसजीएसटी भी 10 साल तक नहीं देनी होगी। माल भाड़ा और एयर कार्गाे में भी छूट मिलेगी। कंपनी में काम करने करने वाले कर्मचारियों के ईपीएफ में भी सरकार सहयोग करेगी। कंपनी के हिस्से को सरकार की तरफ से जमा किया जाएगा। कूड़ा प्रबंधन के लिए भी 10 लाख तक की मदद होगी।

सरकार कर्मचारियों को काम के अनुरूप तैयार करने के लिए प्रशिक्षण देगी। इसमें प्रति कर्मचारी 5,000 रुपये प्रति 6 माह तक दिए जाएंगे। उत्पाद को पेटेंट कराने के लिए भी सरकार मदद करेगी। इसमें 5 लाख रुपये तक की छूट मिलेगी। गुणवत्ता प्रमाणन में भी सहयोग मिलेगा। कंपनियों को वेयरहाउस भंडारण के लिए भी 10 साल तक छूट मिलेगी। 100 प्रति वर्ग मीटर की दर से प्रतिमाह शुल्क लिया जाएगा।

यहां आने वाली कंपनियों को 3.95 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली मिलेगी। यह सुविधा 10 साल तक रहेगी। कंपनियों को इलेक्ट्रिसिटी डयूटी माफ रहेगी। कंपनियों को एकल कनेक्शन की सुविधा मिलेगी। अभी उद्योगों को 8 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती है। इसके अलावा अन्य शुल्क अलग हैं। यहां आने वाली कंपनियों को 4 रुपये प्रति किलोलीटर की दर से पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इस अवधि में इन दिनों में अधिकतम हर वर्ष 5 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकेगी।