मेडिकल डिवाइस पार्क : निवेशकों पर योगी सरकार मेहरबान, मिलेंगी कई छूट

ग्रेटर नोएडा। धरातल पर उतरने से पहले देश-विदेश में सुर्खियों में आए मेडिकल डिवाइस पार्क को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार बेहद संजीदा नजर आ रही है। इस प्रोजेक्ट में निवेशकों की सुविधाओं का अभी से भरपूर ख्याल रखा जा रहा है। निवेशकों को रिझाने और उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सकारात्मक निर्णय लिए जा रहे हैं। इसी क्रम में सरकार ने कुछ और प्लानिंग की है। इसके तहत मेडिकल डिवाइस पार्क में आने वाली कंपनियों को उप्र सरकार कई सहूलियत देगी।

इसके अंतर्गत बिजली-पानी, स्टांप डयूटी, लीज रेंट, माल भाड़ा, मशीनरी खरीद के ऋण के ब्याज में छूट आदि दी जाएगी। इसके अलावा निवेशकों को निर्धारित मूल्य से आधी दर पर बिजली मिल सकेगी। इस पर यूपी मंत्रिपरिषद ने अपनी मंजूरी भी दे दी है। उधर, यमुना प्राधिकरण ने इस योजना में आवेदन करने की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया है। अंतिम तिथि अब सात जुलाई कर दी गई है। उत्तर भारत का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-28 में बनेगा। यह पार्क 350 एकड़ में विकसित होगा।

पहले चरण में 110 एकड़ में योजना लांच की गई है। इसमें 1000 वर्ग मीटर से लेकर 4000 वर्ग मीटर तक के भूखंड हैं। यहां आने वाली कंपनी में काम करने करने वाले कर्मचारियों के ईपीएफ में भी सरकार सहयोग करेगी। कंपनी के हिस्से को सरकार की तरफ से जमा किया जाएगा। कूड़ा प्रबंधन के लिए भी 10 लाख तक की मदद होगी। सरकार कर्मचारियों को काम के अनुरूप तैयार करने के लिए प्रशिक्षण देगी। इसमें प्रति कर्मचारी 5000 रुपये प्रति 6 माह तक दिए जाएंगे। उत्पाद को पेटेंट कराने के लिए भी सरकार मदद करेगी। इसमें 5 लाख रुपये तक की छूट मिलेगी। कंपनियों को 3.95 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली मिलेगी।

यह सुविधा 10 साल तक रहेगी। कंपनियों को इलेक्ट्रिसिटी डयूटी माफ रहेगी। कंपनियों को एकल कनेक्शन की सुविधा मिलेगी। अभी उद्योगों को 8 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती है। इसके अलावा अन्य शुल्क अलग हैं। यहां आने वाली कंपनियों को 4 रुपये प्रति किलोलीटर की दर से पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इस अवधि में इन दिनों में अधिकतम हर वर्ष 5 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकेगी।

यमुना प्राधिकरण एसीईओ मोनिका रानी ने बताया कि मेडिकल डिवाइस पार्क महत्वपूर्ण योजना है। इसके क्रियान्वयन के लिए यमुना प्राधिकरण अपने स्तर से हरसंभव प्रयास कर रहा है। इस योजना में भूखंड के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि को बढ़ाया गया है। आवेदन की अंतिम तिथि अब सात जुलाई रखी गई है। इस योजना में निवेश करने वाली कंपनियों को सरकार के स्तर पर कई तरह की छूट मिलेंगी।