अब रेटिंग से सामने आएगी बिल्डर सोसाइटियों की अच्छाई-बुराई

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के फैसले से रेजीडेंट्स को मिलेगी राहत

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों द्वारा निर्मित सोसाइटियों में मेंटेनेंस की समस्या जल्द गुजरे जमाने की बात हो जाएगी। इस विकट समस्या से निपटने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने महत्वपूर्ण फैसला किया है। इसके तहत हाउसिंग सोसाइटियों की अब रेटिंग कराई जाएगी। जो सोसाइटी जितनी बेहतर तरीके से मेनटेन की जा रही है, उसे रेटिंग भी उतनी ही ज्यादा मिलेगी। इसके इतर जिस सोसाइटी में मेनटेनेंस सुविधाएं खराब होंगी, उसे कम रेटिंग दी जाएगी। इससे खरीदारों को मालूम रहेगा कि किस सोसाइटी को अच्छे तरीके से मेनटेन किया जा रहा है। इससे रेजीडेंट्स को भी राहत मिल सकेगी। साथ मेटनेंस समस्याओं पर आए दिन विवाद की स्थिति भी नहीं होगी।

सीईओ के निर्देश पर कवायद
फ्लैट खरीदारों के मसले को सुलझाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नरेंद्र भूषण के निर्देश पर विभाग का बिल्डर सेल नियमित रूप से बिल्डर-बायर्स बैठकें कर रहा है। ओएसडी व बिल्डर सेल के प्रभारी संतोष कुमार के नेतृत्व में यह बैठकें हो रही हैं। अब तक 35 से अधिक बैठक हो चुकी हैं। इन सभी बैठकों से एक बात यह निकल कर आई कि अधिकतर बिल्डर सोसाइटियों के नागरिक रख-रखाव की समस्या से परेशान रहते हैं। सोसाइटी को मेनटेन करने वाली कंपनियां अच्छी सेवाएं नहीं दे पा रहीं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लगभग 200 बिल्डर सोसाइटियां हैं। इनमें से कुछ सोसाइटियों के रख-रखाव की जिम्मेदारी भी अभी तक बिल्डरों पर है।

निर्धारित किए जाएंगे पैरामीटर
बिल्डरों ने रख-रखाव के लिए कंपनी भी खुद से तय कर रखी है। वह कंपनी रेजीडेंट्स से मेनटेनेंस शुल्क लेती है और सोसाइटी को मेनटेन करती है। वहीं, कुछ जगह अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन बन गया है, जिससे रख-रखाव कराने का जिम्मा एओए के प्रतिनिधियों पर आ गया है। प्राधिकरण का मानना है कि यदि अच्छी कंपनी सोसाइटी को मेनटेन करेगी, तो नागरिकों की रख-रखाव से जुड़ी शिकायत भी दूर हो जाएगी। इसे ध्यान में रखकर मेनटेनेंस के आधार पर सोसाइटियों की रेटिंग कराने का फैसला किया है। रख-रखाव से जुड़े 10 या अधिक पैरामीटर तय कर दिए जाएंगे, जो सोसाइटी जितना अधिक पैरामीटर को पूरा करेगी, उसकी रेटिंग उतनी अच्छी होगी। कम पैरामीटर को पूरा करने वाली सोसाइटी की रेटिंग भी कम होगी। रेजीडेंट्स के फीडबैक के आधार पर रेटिंग की जाएगी। इसके लिए जल्द टीम गठित करने की तैयारी है।