IAS डॉ. अरुणवीर सिंह के नेतृत्व में विकास के कीर्तिमान हो रहे स्थापित  

सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के नेतृत्व में यमुना प्राधिकरण ना सिर्फ अपनी माली हालत को सुधारने में कामयाब रहा बल्कि इस क्षेत्र में ऐसी योजनाओं पर काम शुरू हो सका, जिन्हें लेकर कभी कल्पना तक नहीं की गई थी। उनके कार्यकाल को एक बार फिर बढ़ा दिया गया है। वह अब 15 जुलाई 2023 तक अपने पद पर बने रहेंगे। हालाकि वह रिटायरमेंट के इच्छुक हैं। अपनी इस इच्छा को वह कई बार जाहिर कर चुके हैं, मगर यूपी सरकार उन्हें अभी जिम्मेदारी से मुक्त करने को तैयार नहीं है। सरकार की मंशा है कि डॉ. सिंह की काबिलियत और कार्यशैली का भरपूर फायदा उठाया जा सके
ग्रेटर नोएडा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं वरिष्ठ आईएएस डॉ. अरुणवीर सिंह पर कायम भरोसा डिगा नहीं है। बेहतर कार्यशैली और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में विकास की गति को बढ़ावा देने के कारण उनके कार्यकाल को एक बार फिर बढ़ा दिया गया है। वह अब 15 जुलाई 2023 तक अपने पद पर बने रहेंगे। हालाकि वह रिटायरमेंट के इच्छुक हैं। अपनी इस इच्छा को वह कई बार जाहिर कर चुके हैं, मगर यूपी सरकार उन्हें अभी जिम्मेदारी से मुक्त करने को तैयार नहीं है। सरकार की मंशा है कि डॉ. सिंह की काबिलियत का भरपूर फायदा उठाया जा सके ताकि यमुना प्राधिकरण क्षेत्र की सूरत में और ज्यादा बदलाव भविष्य में आ सके।
Ghaziabad number-1 in the cleanliness security challenge, the hard work of the municipal corporation paid off
फाइल फोटो
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के कार्यों की प्रशंसा कर चुके हैं। सीईओ का दायित्व मिलने के बाद डॉ. अरुणवीर सिंह ने अपनी बेहतर कार्यशैली के जरिए विकास की गाथा को गढऩे के प्रयास शुरू किए थे। यह प्रयास धीरे-धीरे रंग लाते दिखाई दिए। सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के नेतृत्व में यमुना प्राधिकरण ना सिर्फ अपनी माली हालत को सुधारने में कामयाब रहा बल्कि इस क्षेत्र में ऐसी योजनाओं पर काम शुरू हो सका, जिन्हें लेकर कभी कल्पना तक नहीं की गई थी।
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इनमें जेवर एयरपोर्ट, फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क, अप्रैल पार्क, लॉजिस्टिक पार्क इत्यादि योजनाएं उल्लेखनीय हैं। आने वाले समय में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र विकास एवं सुविधाओं की दृष्टि से मुंबई को टक्कर देता दिखाई देगा। जेवर एयरपोर्ट योजना को धरातल पर उतारने में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह की अह्म भूमिका रही है। उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को शुरू कराने के लिए दिन-रात मंथन किया।
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वर्तमान में जेवर एयरपोर्ट देश-दुनिया में चर्चाओं के केंद्र में है। दरअसल डॉ. अरुणवीर सिंह का काम करने का तरीका जुदा है। वह किसी भी योजना पर काम शुरू करने से पहले उसके बारे में पहले पूरा मंथन कर लेते हैं ताकि भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
किसी समय में जेवर क्षेत्र में जाने से भी लोग कतराते थे, मगर आज जेवर क्षेत्र देश ही नहीं दुनियाभर में लोकप्रियता बटोर रहा है। इसके लिए डॉ. अरुणवीर सिंह को श्रेय दिया जाना चाहिए।
यमुना प्राधिकरण को कर्ज के मकड़जाल से निकाला
आईएएस डॉ. अरुणवीर सिंह ने 6 साल पहले यमुना प्राधिकरण में एसीईओ का कार्यभार संभाला था। इसके बाद वह सीईओ बनाए गए। इस दौरान एक वक्त ऐसा था, जब विभागीय कर्मचारियों को वेतन देने तक के लाले पड़ थे। प्राधिकरण कार्यालय में सुबह-शाम एसी तक बंद करने पड़ते थे। अधिकारी और कर्मचारियों के खर्चों में कटौती कर दी गई, मगर डॉ. अरुणवीर सिंह ने अपनी मेहनत, लगन और निष्ठा से 6 साल कड़ी मेहनत की। उन्होंने यमुना प्राधिकरण को कर्ज मुक्त करा दिया। प्राधिकरण अब करीब 2200 करोड़ रुपए के फायदे में है। कभी 3200 करोड़ के कर्ज में डूबे यमुना प्राधिकरण की माली हालत आज बिल्कुल बदल चुकी है।
ईमानदारी और वर्क परफॉर्मेंस है डॉ. अरुणवीर की पहचान
वरिष्ठ आईएएस डॉ. अरुणवीर सिंह उत्तर प्रदेश लोक सेवा के प्रशासनिक अफसर थे। वर्ष 2006 में प्रोन्नत होकर वह आईएएस बने। लगभग 4 साल से यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम शुरू करने के लिए सरकारी कंपनी नियाल का गठन किया गया। इस कंपनी के सीईओ का दायित्व भी डॉ. सिंह को सौंपा गया। डॉ. अरुणवीर सिंह की गिनती उन चुनिंदा अधिकारियों में होती है, जो ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। अरुणवीर सिंह 30 जून 2019 को 60 वर्ष की आयु पूरी कर सेवानिवृत्त हो गए थे, मगर उनके काम और ईमानदारी को देखकर यूपी सरकार ने उन्हें सेवा विस्तार देने का निर्णय लिया।  हालाकि बढ़ती उम्र के कारण वह अब सेवा मुक्त होने की इच्छा को कई बार जाहिर कर चुके हैं। लेकिन सरकार अभी उन्हें सेवा मुक्त नहीं करना चाहती है।