यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के गांवों में बहेगी विकास की बयार CEO डॉ. अरुणवीर सिंह की बड़ी पहल, स्मार्ट विलेज के लिए बजट में 186 करोड़ का प्रावधान

यमुना प्राधिकरण के CEO डॉ अरुण वीर सिंह ने गांव और सेक्टर के विकास पर फोकस बढ़ा दिया है। सीईओ की मंशा सेक्टर की भांति गांवों को भी सुविधा मिले। इसके लिए स्मार्ट विलेज विकसित किया जा रहे हैं। इस बार स्मार्ट विलेज के लिए 186 करोड़ रुपए आरक्षित किए गए हैं। 21 गांव को स्मार्ट विलेज बनाने की तैयारी है। उनका प्रयास है की सेक्टर की भांति गांव का भी विकास हो ताकि ग्रामीणों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।

हाईलाइट
-यमुना प्राधिकरण के गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा
-अब तक 56 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके, फंड का और किया गया प्रावधान
-गावों का हो रहा है कायाकल्प, ग्रामीणों को मिलेगी सभी प्रकार की सुविधाएं

विजय मिश्रा (उदय भूमि)
ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने गांव और सेक्टर के विकास पर फोकस बढ़ा दिया है। सीईओ की मंशा सेक्टर की भांति गांवों को भी सुविधा मिले। इसके लिए स्मार्ट विलेज विकसित किया जा रहे हैं। इस बार स्मार्ट विलेज के लिए 186 करोड़ रुपए आरक्षित किए गए हैं। 21 गांव को स्मार्ट विलेज बनाने की तैयारी है।
यमुना प्राधिकरण के अधीन 106 गांव आते हैं। इन गांव की साफ सफाई समेत तमाम सुविधाओं की जिम्मेदारी यमुना प्राधिकरण की है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने इसके लिए नई पहल शुरू की है। उनका प्रयास है की सेक्टर की भांति गांव का भी विकास हो ताकि ग्रामीणों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। प्राधिकरण 29 गांवों की जमीन औद्योगिक विकास के लिए अधिगृहीत या सहमति के आधार पर खरीद चुका है। इन गांवों को सेक्टरों की तर्ज पर सुविधाएं देकर स्मार्ट विलेज बनाया जा रहा है। सीईओ ने बताया कि इस बार स्मार्ट विलेज के लिए 186 करोड़ रुपये रखे गए हैं। 12 गांवों में पहले से काम चल रहा है। नौ गांवों को इस बार शामिल किया गया है। पहले चरण में सीवर, सड़क, नाली, लाइट आदि कामों को कराया जा रहा है। इसके अलावा पुस्तकालय, बारात घर, खेल का मैदान, इंटरनेट के लिए फाइबर केबल आदि के काम भी कराए जाएंगे। अब तक इन कामों को 56 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

दस करोड़ हर गांव में खर्च होंगे

गांवों को सुविधाओं से लैस करने में आठ से दस करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन गांवों में बारातघर, पक्की सड़क, नाली, सीवर लाइन, पेयजल पाइप लाइन, स्ट्रीट लाइट, इंटरनेट लाइन, स्कूल, ठोस एवं तरल कूड़ा निस्तारण की सुविधा आदि विकसित होगी। इससे गांव आत्मनिर्भर होंगे। तीन गांव सितंबर तक होंगे विकसित

इन गांवों में चल रहा काम

स्मार्ट विलेज बनाने के लिए 12 गांवों में काम हो रहा है। इसमें रामपुर बांगर, अच्छेजा बुजुर्ग, मिजार्पुर, निलोनी शाहपुर, सलारपुर, रुस्तमपुर और डूंगरपुर रीलखा आदि शामिल है। इसके अलावा औरंगपुर, गुनपुरा, अट्टा गुजरान, दनकौर, मूजखेड़ा, खेरली भाव, चपरगढ़ और रौनीजा में काम शुरू कराया गया या कराने की तैयारी चल रही है।