वर्ल्ड क्लास ट्रांसपोर्ट हब में होंगी भरपूर सुविधाएं, कनेक्टिविटी भी रहेगी बेमिसाल

ग्रेटर नोएडा। वर्ल्ड क्लास मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब विकसित करने की दिशा में प्रयास तेज हो गए हैं। ट्रांसपोर्ट हब परिसर में अंतरराज्यीय बस अड्डा, वर्कशॉप व सीएनजी स्टेशन भी स्थापित किया जाएगा। ट्रांसपोर्ट हब की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। यानी वहां आने-जाने के लिए यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं आईआईटीजीएनएल के प्रबंध निदेशक नरेंद्र भूषण ने प्रस्तावित योजना के संबंध में यूपी रोडवेज के प्रबंध निदेशक और नेशनल इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनआईसीडीसी) के कंपनी सचिव के साथ महत्वपूर्ण बैठक में विचार-विमर्श किया है।14 एकड़ में बनेगा बस अड्डा
वर्ल्ड क्लास मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब को धरातल पर उतारने में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पूरी शिद्दत से जुटा दिखाई दे रहा है। बोड़ाकी में यह ट्रांसपोर्ट बनाया जाना है। जहां अंतरराज्यीय बस अड्डा, वर्कशॉप व सीएनजी स्टेशन भी बनेंगे। बस अड्डा का क्षेत्रफल करीब 14 एकड़ होगा। एक छत के नीचे वर्कशॉप और सीएनजी स्टेशन की सुविधा मिलने से बसों की मरम्मत और र्इंधन की उपलब्धता में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आएगी। ट्रांसपोर्ट हब की रोड कनेक्टिविटी ग्रेटर नोएडा के 105 मीटर रोड से भी की जाएगी। यह राष्ट्रीय राजमार्ग-34 के माध्यम से गाजियाबाद और बुलंदशहर से भी कनेक्ट हो सकेगा। ट्रांसपोर्ट हब को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से भी जोड़ने की योजना है। इसके बाद उत्तर प्रदेश के अलावा विभिन्न राज्यों के लिए परिवहन की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

प्रतिदिन एक लाख यात्रियों को मिलेगी सुविधा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एवं आईआईटीजीएनएल के प्रबंध निदेशक (एमडी) नरेंद्र भूषण ने इस सिलसिले में यूपी रोडवेज के प्रबंध निदेशक (एमडी) नवदीप रिणवा व नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनआईसीडीसी) के कंपनी सचिव अभिषेक चौधरी सहित विभिन्न अधिकारियों के साथ इस प्रोजेक्ट पर चर्चा की है। भविष्य में बोड़ाकी से बसों का संचालन भी किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस बस अड्डे से वर्ष-2026 में प्रतिदिन लगभग एक लाख यात्री सफर करेंगे। बता दें कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 123वीं बोर्ड बैठक में बोड़ाकी के आस-पास 7 गांवों की 478 हेक्टेयर भूमि पर मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट व लॉजिस्टिक हब विकसित किए जाने को डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी दी गई थी।

होंगे 3 महत्वपूर्ण काम
प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट हब के अंतर्गत 3 महत्वपूर्ण परियोजनाएं धरातल पर आकार लेंगी। इसके तहत बोड़ाकी के नजदीक रेलवे टर्मिनल, अंतरराज्यीय व लोकल बस अड्डा और मेट्रो कनेक्टिविटी की सुविधा मिलेगी। वहां स्काईवॉक का भी निर्माण किया जाएगा। परियोजना में करीब 20 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसके अलावा एक लाख से ज्यादा नागरिकों को रोजगार मिल सकेगा। इसके बनने के बाद ग्रेटर नोएडा के नागरिकों को दिल्ली, नई दिल्ली, गाजियाबाद व आनंद विहार रेलवे स्टेशन जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

तेजी से काम कराने का प्रयास

Narendra Bhushan
CEO, Greter-Noida-

प्रस्तावित प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कराने की कोशिश हो रही है। रोडवेज और एनआईसीडीसी के अधिकारियों के साथ विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई है। मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब भविष्य में न सिर्फ ग्रेटर नोएडा को नई पहचान दिलाएगा बल्कि नागरिकों को भी अच्छी सुविधा मिल सकेगी।
नरेंद्र भूषण
सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
एवं एमडी आईआईटीजीएनएल