यमुना एक्सप्रेस-वे : रूकेगा जानलेवा दुर्घटनाओं का सिलसिला

इंतजार के बाद क्रैश बीम बैरियर लगाने का कार्य आरंभ
सवा साल में काम पूरा करेगी गुजरात की कंपनी

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षित सफर के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं। दुर्घटनाओं को रोकने के क्रम में एक्सप्रेस-वे के डिवाइडर के दोनों तरफ क्रैश बीम बैरियर लगाने का काम आरंभ हो गया है। कै्रश बीम बैरियर के जरिए वाहन चालक हादसे का शिकार नहीं हो सकेंगे। आपातकालीन परिस्थिति में उनके जीवन की सुरक्षा हो सकेगी। यमुना एक्सप्रेस-वे 165 कि.मी. लंबा है। जिस पर अक्सर भीषण हादसे होते रहते हैं। इससे एक्सप्रेस-वे को दुर्घटना मुक्त रखने के दावों पर सवाल उठते रहते हैं। फिलहाल हादसे रोकने को क्रैश बीम बैरियर लगाने का काम शुरू हो गया है। गुजरात की कंपनी यह कार्य डेढ़ साल के भीतर पूर्ण कर लेगी। क्रैश बीम बैरियर लगने से हादसा होने के बाद वाहन दूसरी लेन में नहीं आ पाएंगे। इससे जान-माल की क्षति भी रोकी जा सकेगी। एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा उपायों को पूरा करने के लिए 108 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसों को रोकने के लिए दिल्ली आईआईटी से सुरक्षा ऑडिट कराया गया था। आईआईटी ने रिपोर्ट तैयार कर अपने सुझाव यमुना प्राधिरकण को सौंप दिए थे। इस ऑडिट को 2 साल से अधिक का समय हो चुका है। इस साल की शुरुआत में एक्सप्रेस-वे पर कई बड़े हादसे प्रकाश में आए थे। दरअसल टकराने के बाद वाहन के दूसरी लेन में आने से हादसे ने और भयानक रूप ले लिया। इसके बाद इन उपायों को पूरा कराने के लिए प्रयास तेज किए गए। कोरोना की दूसरी लहर ने इन कार्यों पर अंकुश लगा दिया। अब इन कार्यों को शुरू करने की तैयारी है, ताकि यात्री इस एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षित सफर कर सकें। एक्सप्रेस-वे का प्रबंधन करने वाली कंपनी ने क्रैश बीम बैरियर के लिए गुजरात की कंपनी जीआर इंफ्रा को ठेका दिया है। कंपनी ने कार्य शुरू कर दिया है। अगले सप्ताह से काम और जोर पकड़ेगा। गुजरात से भी कुछ टीमें आनी हैं। इसके बाद यह काम तेज हो जाएगा। डेढ़ साल में पूरे एक्सप्रेस-वे पर क्रैश बैरियर लगा दिए जाएंगे, मगर कंपनी का दावा है कि वह सवा साल में काम पूरा कर देगी। डिवाइडर के दोनों तरफ क्रैश बीम बैरियर लगने से हादसे की भयावहता कम हो जाएगी। साथ हादसे में नुकसान भी कम होगा। आईआईटी दिल्ली ने सुझाव दिया था कि यमुना एक्सप्रेस-वे के प्रवेश व निकास द्वार और जन सुविधाओं के पास रंबल स्ट्रिप लगाई जाएं ताकि वहां पर वाहनों की गति कम हो सके। निकास द्वार पर क्रश एटीन्यूटर्स लगाए जाएं ताकि टकराने पर नुकसान कम हो। एक्सप्रेस-वे पर साइन बोर्ड की संख्या बढ़ाई जाए। एक्सप्रेस-वे के किनारे बैरियर को और ऊंचा किया जाए। वाहनों की गति पर नियंत्रण के लिए चालान सिस्टम को और दुरुस्त किया जाए। डिवाइडर के दोनों तरफ क्रैश बीम बैरियर लगाए जाएं। यमुना एक्सप्रेस-वे पर प्रतिदिन 29 हजार वाहन गुजरते हैं। इस हिसाब से एक साल में एक करोड़ से अधिक वाहन एक्सप्रेस-वे से निकलते हैं। वाहनों के साथ गति सीमा तोड़ने वाले वाहनों की संख्या भी बढ़ रही है। हालांकि इस पर अंकुश लगाने के लिए चालान प्रक्रिया को और प्रभावी बनाया गया है। यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि यमुना एक्सप्रेस-वे के डिवाइडर पर क्रैश बीम बैरियर लगाने का काम आरंभ हो गया है। कंपनी ने इस काम को सवा साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इससे हादसों में कमी आएगी।