जनता की समस्या का समाधान हो जल्दी: मेयर उमेश गौतम
समस्या के समाधान के लिए सुरेश शर्मा नगर पहुंचे मेयर, अमीरों के आगे गरीबों की बोलती की बंद
मेयर खानापूर्ति कर लौट रहे थे वापिस, महिलाओं के विरोध पर किया विकासीय दुर्दशा का निरीक्षण
उदय भूमि ब्यूरो, अश्वनी शर्मा, बरेली।
पिछले पांच साल से जल निकासी की समस्या से कालोनी के लोग त्रस्त हैं, जबकि नगर निगम अधिकारी व जन प्रतिनिधि मस्त हैं। स्थानीय लोगों ने दबंगों द्वारा नाली पाटे जाने की शिकायत कई बार लिखित रूप से म्युनिसिपल कमिश्नर, बरेली और शहर विधायक व मेयर से की थी। लेकिन अब तक कानों पर जूं तक नहीं रेंगी थी।
उदय भूमि अखबार ने जनता की इस समस्या को लगातार प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया।
जिस पर नगर निगम और महापौर उमेश गौतम ने अब जाकर गंभीरता दिखाई है। स्थानीय लोगों की समस्याओं की लगातार हो रही अनदेखी और मन में उबल रहे आक्रोश की नजाकत को देखते हुए मंगलवार 2 बजे मेयर उमेश गौतम और नगर निगम जेई नागेंद्र शर्मा सुरेश शर्मा नगर का निरीक्षण करने पहुंचे। लेकिन मेयर द्वारा बस अमीर और ताकतवर लोगों की बात सुनकर वापिस लौट जाने की खबर पर दर्जनों स्थानीय पुरूष और महिलाओं के अमीरी गरीबी का भेदभाव किए जाने का विरोध सुन मेयर उमेश गौतम ने महिलाओं की फरियाद पर गौर दिया।
महिलाओं के साथ उन्होंने उनकी विकासीय दुर्दशा और नरकीय जीवन को करीब से देखा। फिर दबंग लोगों और ठेकेदार पर जमकर बरसे। उमेश गौतम ने स्थानीय लोगों द्वारा विकास कार्य में अमीरी और गरीबी का भेदभाव का आरोप लगाने की बात पर सफाई देते हुए कहा कि हमें अमीरी या गरीबी से कोई मतलब नहीं है। हमें समस्या से मतलब है। कहा कि समस्या का समाधान ही हमारे लिए सर्व प्रमुख है।
बता दें कि स्थानीय लोगों ने मेयर साहब का विरोध तब किया। जब वे बस अमीर लोगों की बात सुनकर कालोनी से वापिस लौटने लगे। पहले तो मेयर साहब ने महिलाओं और पीडि़त स्थानीय लोगों की बात को अनसुना कर दिया। लेकिन महिलाओं के जबरदस्त विरोध पर महिलाओं की बात सुनने को तैयार हुए और मौका मुआयना किया। खास बात तो यह रही कि जिनकी वजह से कालोनी का आम आदमी परेशान है। मेयर साहब ने भीड़ में ही कह दिया कि वो उन्हीं के यहां बैठते हैं और बैठेंगे। वहीं चाय भी पियेंगे, इसमें लोगों को परेशानी क्या है। लोगों को अपनी समस्या के समाधान से मतलब होना चाहिए। इस पर महिलाएं भड़क गईं। महिलाओं ने विरोध जताया कि आप अमीरी और गरीबी का भेदभाव कर रहे हैं। तब जाकर मेयर साहब ने उनकी बात सुनी। महिलाओं के विकास कार्य की दुर्दशा का निरीक्षण कराया तो उनकी नजर भारत सरकार के स्वच्छता अभियान को पलीता लगाता पानी और कींचड़ से उफाउफ भरे प्लाट दिखे। जिसकी बदबू से वहां खड़ा होना मुहाल था। दबंगों द्वारा रोड़ा, पत्थर, रेता और मिट्टी से पाटी गईं नालियां भी दिखाई गईं। जिस पर उन्होंने पार्षद व ठेकेदार को नाली खुलवाने के आदेश दिए।
साथ ही नगर निगम के जेई नागेंद्र शर्मा को भी आदेश दिए कि कालोनी में जल निकासी की समस्या को जल्द से जल्द निवटाएं। कहीं कुछ बजट से अलग से खर्च की बात आती है तो फटाफट फाइल बनाएं और हमें दें। अब सवाल यह है कि एक ओर की नाली तो पास है, लेकिन दूसरी ओर की नाली का पानी कहां जाएगा। मेयर साहब दूसरी तरफ की नाली के लिए बस आश्वासन देकर वापस लौट गये।
सुरेश शर्मा नगर एक्सटेंशन पार्ट थर्ड में होली चौराहे से अरोड़ा के घर तक नाली निर्माण तो हो रहा है। लेकिन जल निकासी की समस्या का समाधान होना मुश्किल है। क्योंकि पांच साल में कई बार जल निकासी को लेकर ही स्थानीय लोगों में आपसी कहासुनी हो चुकी है। नगर निगम के मानचित्र में होली चौराहे पर पुलिया और पानी निकासी के लिए एसएसबी इंटर कालेज की तरफ जाने वाली नाली में पीछे से आने वाली नाली को जोडऩा भी दर्शाया गया था। लेकिन कालोनी में रहने वाले कुछ दबंग लोगों ने मिलकर होली चौराहे से एसएसबी इंटर कालेज की ओर नाली नहीं जुडऩे दी। ना ही होली चौराहे पर पुलिया निर्माण होने दिया। इस बार नगर निगम के आदेश पर होली चौराहे से मंदिर की ओर नाली जुडऩे का सिलसिला शुरू हुआ तो उधर के कुछ लोगों ने पुलिया निर्माण नहीं होने देने को लेकर सोमवार शाम 2:30 बजे हंगामा काटकर काम रूकवा दिया था।