मुसलमानों की धार्मिक भावना के साथ चीन ने किया खिलवाड़, मस्जिद तोड़कर बनाया सार्वजनिक शौचालय

चीन का कारनामा, शिंजियांग प्रांत में 3 साल में 10 से 15 हजार मस्जिदों का अस्तित्व समाप्त

बीजिंग। चीन में अल्पसंख्यकों की हालत बद से बदतर हो रही है। उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें घोर यातनाएं सहन करनी पड़ती हैं। चीन की अल्पसंख्यकों के प्रति खराब मानसिकता का ताजा मामला प्रकाश में आया है। शिंजियांग प्रांत में मस्जिद को ध्वस्त कर सार्वजानिक शौचालय का निर्माण कर दिया गया। शी जिनपिंग सरकार ने 2018 में यह कार्रवाई की थी। जानकारी के मुताबिक चीन के शिंजियांग प्रांत के आतुश के सुंगाग गांव में पहले मस्जिद को ध्वस्त किया गया। इसके 2 साल बाद वहां सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया। हालांकि शौचालय का संचालन अभी तक शुरू नहीं हो सका है। सुंगाग गांव के अधिकांश घरों में पहले से शौचालय हैं। साथ इस गांव में पर्यटकों की आवाजाही भी ना के बराबर है। इसके बाद भी मस्जिद को ध्वस्त कराकर सार्वजनिक शौचालय खोलना सरकार की मानसिकता को दर्शाता है। शिंजियांग प्रांत में उइगर मुसलमान काफी तादात में रहते हैं। आरोप है कि चीन उइगर मुस्लिमों की संस्कृति एवं सभ्यता को पूर्णत: समाप्त करने को आतुर है। शिंजियांग प्रांत में लगभग 70 प्रतिशत मस्जिदों को नेस्तानाबूत कर दिया गया है। गत वर्ष चीन ने अजना मस्जिद को भी जमींदोज कर दिया था। उइगर मानवाधिकार प्रोजेक्ट के मुताबिक बीजिंग ने 3 साल के भीतर शिंजियांग में 10 से 15 हजार मस्जिदों का अस्तित्व समाप्त कर दिया है। चीन में 22 मिलियन मुस्लिम हैं, जिनमें उइगरों की आबादी तकरीबन 11 मिलियन है। बता दें कि अमेरिका अक्सर चीन को उइगर मुसलमानों के मुद्दे पर घेरता रहता है। जबकि चीन का सदाबहार दोस्त पाक हमेशा इस मसले पर चुप्पी साधे रहता है। चीन में उइगर मुसलमानों के उत्पीड़न के किस्से आम हैं।