कौशांबी में 7 साल से चल रहा था ठगी का कॉल सेंटर, दो गिरफ्तार

-लोन दिलाने और पॉलिसी मैच्योरिटी के नाम पर हजारों लोगों से 10 करोड़ की ठगी
-एसएसजी मैनेजमेंट और आरएस सर्विसेज का अधिकारी बताकर करते थे ठगी

गाजियाबाद। दिल्ली-एनसीआर क्षेेत्र में लोन दिलाने और पॉलिसी मैच्योरिटी की रकम के नाम पर हजारों लोगों से करोड़ो रूपए की ठगी करने वाले गिरोह का साइबर सैल ने पर्दाफास करते हुए दो साइबर सैल एवं कविनगर पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से पुलसि ने 11 मोबाइल फोन, 8 चेकबुक, 7 पास बुक , 6 एटीएम कार्ड, आधार व पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। पकड़े गये आरोपी पिछले 7 साल से लिंकरोड थानाक्षेत्र स्थित पैसेफिक मॉल में ठगी का कॉल सेंटर चला रहे थे। गिरोह के अन्य सदस्य फरार है, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।

अभय कुमार मिश्र,
साइबर सेल नोडल अधिकारी एवं सीओ इंदिरापुरम

साइबर सेल के नोडल अधिकारी एवं सीओ इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्र ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि कविनगर निवासी एक व्यक्ति ने लोन दिलाने के नाम पर अपने साथ हुई ठगी की शिकायत की थी। जिसके आधार पर साइबर सैल प्रभारी सुमित कुमार और एसआई जयवीर सिंह की टीम ने गुरूवार दोपहर 3.15 बजे गौर मॉल के पीछे कार पार्किंग से आरडीसी कविनगर से बक्सर, बिहार निवासी राघो उर्फ राघव पुत्र चन्द्र देव और सिंभावली हापुड़ निवासी शिवकुमार पुत्र प्रमोद शर्मा को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि गिरोह में अन्य सदस्य भी शामिल है। जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयास कर रही है। आरोपी पैसेफिक मॉल में पिछले 7 सालों से ठगी का कॉल सेंटर चला रहे थे। जो कि हजारों लोगों से 10 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कर चुके है। आरोपियों के एक बैंक खाते में पुलिस को 60 लाख रुपए की रकम जमा मिली है। खाते को पुलिस ने फ्रीज करा दिया है। बरामद अन्य खातों एवं मोबाइल की जांच की जा रही है।

नोडल अधिकारी अभय मिश्र ने बताया कि पकड़े गये आरोपी मॉल स्थित कार्यालय से खुद को एसएसजी मैनेजमेंट और आरएस सर्विसेज का अधिकारी बताकर कॉल करते थे। लोगों को करोड़ों रुपए का लोन दिलाने और पॉलिसी मैच्योरिटी की रकम जल्द दिलाने का झांसा देकर ठगी करते थे।

साइबर सैल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया आरोपी राघो उर्फ राघव गैंग के लिए फर्जी आईडी पर सिम खरीदने और फर्जी पते पर बैंक खाते खुलवाने का काम करता था। जबकि शिवकुमार फर्जी कॉल सेंटर का संचालन करने के साथ-साथ फर्जी बैंक खातों के एटीएम और नेटबैंकिंग का लॉगइन अपने पास रखता था। खातों से पैसा निकालने और पैसा अन्य खातों में ट्रांसफर करने का काम भी करता था। पकड़े गये आरोपी बीए पास हैं।