मंदिर में संन्यासी का गला काटा, गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर की घटना

डासना देवी मंदिर के महंत नरसिंहानन्द को मारने आए थे, पुलिस की अभेद्य सुरक्षा को भेदकर हमलावरों ने किया हमला। डासना मंदिर में सन्यांसी पर हुए हमले की खबर पुलिस-प्रशासन के आलाधिकारियों को लगी तो हड़कंप मच गया। अनिल यादव ने आरोप लगाया कि हमलावर जेहादी थे। जो कि महंत नरसिंहानन्द सरस्वती महाराज की हत्या करने के इरादे से आया था। एसपी देहात डॉ ईरज राजा ने बताया कि पुलिस तहरीर के आधर पर रिपोर्ट दर्ज कर हमलावरों की तलाश में जुट गई है। साथ ही कई संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। 

गाजियाबाद। पुलिस-प्रशासन में मंगलवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब डासना देवी मंदिर के प्रांगण के आस-पास पुलिस की चाक-चौंबद सुरक्षा होने के बाद भी मंदिर में सो रहे सन्यांसी पर अज्ञात बदमाशों ने जानलेवा हमला बोल दिया। घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गये, मगर पुलिस को इसकी भनक तक नही लगी। सन्यांसी की चीख सुनने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। जैसे ही डासना मंदिर में सन्यांसी पर हुए हमले की खबर पुलिस-प्रशासन के आलाधिकारियों को लगी तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में घायल सन्यांसी को उपचार के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि बदमाश महंत नरसिंहानन्द सरस्वती को मारने के लिए आये थे। वहीं सन्यांसी की हालत गंभीर बताई जा रही है।

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सेवादार अनिल यादव ने बताया समस्तीपुर बिहार निवासी बाबा नरेशानंद स्वामी महंत नरसिंहानन्द सरस्वती के शिष्य हैं। वह दो दिन पूर्व ही ही महंत से मिलने आये हुए थे। बीती रात वह मंदिर परिसर के खुले स्थान पर सो रहे थे। मंगलवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे परिसर बाबा की चीख से जाग हो गई।
बाबा की चीख सुनकर जब मंदिर के अन्य सेवादार व पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे तो तब तक बदमाश हमला कर फरार हो चुके थे। हमलावर ने पेपर कटर से प्रहार करके बाबा का गला काट दिया और शरीर पर कई और जानलेवा वार किया गया है। उक्त वारदात की सूचना पुलिस को देकर बाबा को यशोदा अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। अनिल यादव ने आरोप लगाया कि हमलावर जेहादी थे। जो कि महंत नरसिंहानन्द सरस्वती महाराज की हत्या करने के इरादे से आया था। एसपी देहात डॉ ईरज राजा ने बताया कि पुलिस तहरीर के आधर पर रिपोर्ट दर्ज कर हमलावरों की तलाश में जुट गई है। साथ ही कई संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगालने का प्रयास किया गया। मगर मंदिर परिसर में लगे कैमरे खराब है। लेकिन मंदिर परिसर में लगे कई कैमरे खराब मिले। हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गर्ई है। सुरक्षा व्यवस्था बढा दी गई है। वहीं एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि उक्त वारदात में अगर किसी पुलिसकर्र्मी की सुरक्षा में चूक मिली तो उसे बख्शा नही जाएगा। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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अभेद्य सुरक्षा को भेदकर किया हमला
डासना देवी मंदिर के अंदर करीब दो दर्जन पुलिस एवं पीएसी बल तैनात रहता है। जिसमें मंदिर परिसर के अंदर चार पुलिसकर्मी और बाहर थाने के तीन पुलिसकर्मी एवं 9 पीएसी के जवान तैनात किए हुए हैं। चार पुलिसकर्मी मंहत नरसिंहानन्द सरस्वती की सुरक्षा में लगाए हुए हैं। मंदिर परिसर पर पुलिस एवं पीएसी जवानों का सख्त पहरा रहता है। मंदिर में प्रवेश से पूर्व लोगों की चेकिंग की जाती है। मगर उसके बाद भी बदमाश मंदिर परिसर में आसानी से घुस गये और वारदात को अंजाम देकर आसानी से फरार भी हो गये। सेवादार का आरोप है कि पूर्व में भी मंहत को मारने की साजिश की गई, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने कोई ठोस कदम नही उठाया गया। पूर्व में पुलिस एवं प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था और अधिक बढाने के लिए पत्र लिखा गया था। मगर पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए सिर्फ चार-पांच पुलिसकर्मियों को तैनात किया है।

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