खोड़ा के बाद नंदग्राम में आबकारी विभाग को बदनाम करने की साजिश, ठेके को हटाने के नाम पर मृतक को बनाया मोहरा

गाजियाबाद। जिले में एक बार फिर से खोड़ा जैसी घटना को हवा देने का मामला प्रकाश में आया है। शनिवार शाम को नंदग्राम थाना क्षेत्र में शराब पीने से हुई व्यक्ति की मौत को असामाजिक तत्वों ने इसे हवा देने का काम किया। जबकि युवक की मौत बिमारी के चलते हुई है। पांच साल पूर्व खोड़ा थाना क्षेत्र में भी जहरीली शराब पीने से करीब 4 लोगों की मौत हो हुई थी। जिसमें आसामजिक तत्वों ने राजनीति के तहत सारा ठिकरा आबकारी विभाग के माथे मढ दिया था।सच्चाई यह थी कि उन युवकों की मौत राजनीति साजिश के तहत हुई थी। मगर इन सबका खामियाजा पूर्व आबकारी निरीक्षक सीलम मिश्रा को भुगतना पड़ा था। अंत में जीत विभाग की हुई और इस बात की पुष्टि हुई कि उन युवकों की मौत में विभाग जिम्मेदार नहीं था। वहीं कहानी एक बार दोहराने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे क्षेत्र में संचलित दुकान को वहां से हटाया जा सकें, या फिर आबकारी विभाग के अधिकारियों को प्रेशर में लेकर अपने मन मुताबिक ठेके का संचालन और अपना हित जोड़ा जा सकें। यह मामला कोई नया नहीं है।

इससे पूर्व भी विजय नगर थाना क्षेत्र में शराब की दुकान को बंद करने के नाम पर कई दिन तक धरना प्रदर्शन किया गया था। जब भी किसी नेता को अपनी छवि को उभारना होता है तो वह सबसे पहले क्षेत्र में संचलित शराब की दुकानों को ही घेरता है। जिससे उस दुकान को बंद कराने के नाम पर अपनी राजनीति चमका सकें। वहीं उस नेता को कुछ तथाकथित पत्रकार भी अपना संरक्षण देकर अपना लाभ कमाने की सोचने लगते है। आबकारी विभाग को पिछले कई माह से तथाकथित लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। कभी ओवर रेटिंग के नाम पर तो कभी अवैध शराब की बिक्री के नाम पर, बस किसी तरह अधिकारियों को घेर लिया जाए और फिर उनसे अनावश्यक डिमांड की जाए। मगर आबकारी अधिकारी के चलते उनकी दाल नही गल पा रही है। विभाग का कहना है कि ओवर रेटिंग की साक्ष्यों के साथ शिकायत करें, जिस पर विभाग कार्रवाई भी करेगा। मगर वह कार्रवाई नहीं बल्कि सेवा और धन दोनों की विभाग से उम्मीद रखते है।

शनिवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट और फोटो वायरल किया गया। मामला नंदग्राम थाना क्षेत्र का था। जहां पोस्ट में बताया गया कि शराब पीने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। शराब पीने से हुई मौत को लेकर पुलिस-प्रशासन में हंडकंप मच गया। जब आबकारी विभाग एवं नंदग्राम पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो पता चला युवक की मौत कहीं ठेके से काफी दूरी पर हुई थी। मृतक युवक को साजिश के तहत ठेके के पास लेटा दिया गया। जिसके बाद अनुज्ञापी एवं आबकारी विभाग को बदनाम करने की नीयत से तथाकथित पत्रकार के साथ मिलकर फोटो के साथ पोस्ट को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया।

जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया सोशल मीडिया पर वायरल हुए पोस्ट की सूचना पर तत्काल आबकारी निरीक्षक आशीष पाण्डेय, अभय दीप सिंह एवं राकेश त्रिपाठी की संयुक्त टीम को मौके पर भेजा गया। आबकारी विभाग की टीम एवं नंदग्राम थाना प्रभारी सचिन मलिक की टीम ने जांच की। साथ ही देशी शराब के ठेके पर शराब पी रहे अन्य लोगों से भी इसकी पुष्टि की गई कि शराब पर ओवर रेटिंग एवं शराब में मिलावट जैसी कोई शिकायत तो नहीं है। जहां किसी प्रकार की कोई अनियमितता नही पाई गई। ठेके के पास सीमेंट विक्रेता से जब पूछताछ की गई तो पता चला कि मृतक व्यक्ति को यहां कोई छोड़कर गया है। अनुज्ञापी एवं विभाग को बदनाम करने के उद्देश्य से यह सब किया गया है। जिसकी जांच की जा रही है।

नंदग्राम थाना प्रभारी सचिन मलिक ने बताया कि मृतक की पहचान सचिन पुत्र शिव नारायण निवासी नंदग्राम के रुप में हुई है। मृतक ई-रिक्शा चालक है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। परिजनों से पूछताछ में पता चला कि शुक्रवार को ही वह अस्पताल से इलाज कराकर घर लौटा था। जो कि ब्लड प्रेशर का मरीज है। पिछले कुछ समय से उसकी तबियत खराब चल रही थी। मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा। आबकारी विभाग की टीम शराब की दुकान से सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया है। सूत्रों का कहना है कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अपनी राजनीति चमकाने के नाम पर यह षडयंत्र रचा गया है। जिससे क्षेत्र में संचलित शराब की दुकान को हटाने के नाम पर अपनी हिस्सेदारी जोड़ सकें।